बदलता उत्तर प्रदेश : यूपी के दशहरी और चौसा आम का बढ़ेगा निर्यात, नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से पहुंचेगा अमेरिका

UPT | दशहरी और चौसा आम का बढ़ेगा निर्यात

Jun 20, 2024 14:29

उत्तर प्रदेश के दशहरी और चौसा आमों को अमेरिका बाजार में भेजा जा रहा है। इसके लिए योगी सरकार आमों को अमेरिका बाजार में भेजने के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रही है...

Short Highlights
  • जेवर एयरपोर्ट से अमेरिका पहुंचेगा यूपी का दशहरी और चौसा आम
  • जेवर एयरपोर्ट के समीप स्थापित होगा रेडिएशन ट्रीटमेंट सेंटर
  • 4 टन मलिहाबादी दशहरी आम भेजा जा चुका है अमेरिका
Lucknow News : उत्तर प्रदेश के दशहरी और चौसा आमों को अमेरिका बाजार में भेजा जा रहा है। इसके लिए योगी सरकार आमों को अमेरिका बाजार में भेजने के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रही है। अमेरिका के बाजारों में आम निर्यात करने के लिए नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समीप पीपीपी मॉडल के आधार पर रेडिएशन ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित करेगी, जहां ट्रीटमेंट के बाद आमों को अमेरिका और यूरोप के बाजारों में भेजा जाएगा।

प्रदेश सरकार का नई पहल
प्रदेश सरकार निजी-सार्वजिन-सहभागिता (पी-पी-पी) मॉडल के आधार रेडिएशन सेंटर को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के समीप स्थापित करेगी। जहां से स्थानीय बागवान अपने आमों को अमेरिका और यूरोप के बाजारों में भेजा जाएगा। हालांकि यूपी के फल पट्टी क्षेत्र काकोरी-माल-मलिहाबाद से दशहरी आम इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर, कर्नाटक रेडिएशन ट्रीटमेंट के लिए भेजा जा रहा है।



रेडिएशन ट्रीटमेंट के लिए कर्नाटक भेजा जाएगा आम
बता दें कि जब तक यूपी में रेडिएशन ट्रीटमेंट की सुविधा उपल्बध नहीं हो जाती है, जब तक आमों को कर्नाटक के मलूर में भेजा जाएगा। सीआईएसएच ने कर्नाटक में हर हफ्ते 4 टन आम भेजने का लक्ष्य रखा है। जिसके बाद एयर लिफ्ट से यूएसए भेजा जाएगा। हालांकि लखनऊ के रहमानखेड़ा परिसर से कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ने इसी हफ्ते 4 टन मलिहाबादी दशहरी आम को अमेरिका के लिए झंड़ी दिखाकर भेजा है।

इतने किसान उठा रहे हैं लाभ
सीएसआईआर-केन्द्रीय उष्णकटिबंधीय फल अनुसंधान संस्थान (सीआईएसएफ़आर) के निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि काकोरी-मलिहाबाद क्षेत्र में दशहरी आम उत्पादकों में से लगभग 2200 किसान अब तक संस्थान से जुड़कर उन्नत तकनीकों का लाभ उठा रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण आम का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के आम के बागान काफी पुराने हैं, जिनकी उत्पादकता घट गई है, और अधिक कीटनाशकों के उपयोग के कारण बाजार में आम की कीमतें कम मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-सीआईएसएफ़आर ने कागज के थैलों की आपूर्ति करके और उपयोगी सलाह और सहयोग देकर क्षेत्र के बागवानों को गुणवत्तापूर्ण और अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायता की है।

एक करोड़ कागज के थैले इस्तेमाल
सीआईएसएफ़ ने  'मेटवॉश' नामक एक नई तकनीक का परीक्षण किया, जिसका उद्देश्य आम की भंडारण क्षमता को बढ़ाना है। अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आम की विभिन्न किस्मों के फल मंगाए गए और इस तकनीक का परीक्षण किया गया। इस तकनीक का उपयोग करके तोतापुरी आम की एक खेप पहले ही समुद्री मार्ग से यूरोप भेजी जा चुकी है, और भविष्य में उत्तर प्रदेश के आमों को भी इसी प्रक्रिया से निर्यात किया जाएगा। निदेशक ने बताया कि इस वर्ष मलिहाबाद में लगभग एक करोड़ कागज के थैले इस्तेमाल किए गए हैं, और अगले वर्ष के लिए पांच करोड़ थैलों का लक्ष्य रखा गया है।

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