UP News : परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल में 41 प्रतिशत इजाफा, सबसे ज्यादा इसे लोगों ने अपनाया

UPT | परिवार नियोजन।

Jul 08, 2024 00:33

महाप्रबंधक परिवार नियोजन डॉ. सूर्यांश ओझा ने बताया कि 2022-23 में 35.23 लाख उपयोगकर्ताओं ने परिवार नियोजन साधनों का इस्तेमाल किया जबकि इसकी तुलना में 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 40.21 लाख हो गई है। उन्होंने बताया कि इस वृद्धि की वजह विभाग के धरातल पर लगातार किये जा रहे प्रयास हैं।

Short Highlights
  • परिवार नियोजन को प्रति गंभीर हुए लोग
  • सकल प्रजनन दर में कमी दर्ज 
Lucknow News : देश में बढ़ती जनसंख्या के बीच उत्तर प्रदेश से राहत देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। परिवार नियोजन को लेकर प्रदेशवासियों में जागरूकता में इजाफा हुआ है और इसके साधनों के इस्तेमाल में 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार के स्तर पर चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रम और आयोजन की वजह से लोग परिवार नियोजन के प्रति गंभीर हुए हैं। 

एक साल में 14 प्रतिशत का इजाफा
प्रदेश में परिवार नियोजन सेवाओं के उपयोग में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अहम इजाफा देखा गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 से 2023-24 तक कुल परिवार नियोजन साधनों के उपयोग में कुल 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं सबसे अधिक 41 फीसद की बढ़त त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा के इस्तेमाल में देखने को मिली।

पीपीआईयूसीडी के इस्तेमाल में 24 प्रतिशत की वृद्धि
प्रसव के बाद इंट्रायूटेरिन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) के इस्तेमाल में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि आईयूसीडी के इस्तेमाल में 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो कि महिलाओं में बढ़ती जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच को दर्शाता है। नॉन हार्मोनल साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया के उपयोग में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कंडोम के इस्तेमाल में पांच फीसद की वृद्धि हुई है तो वहीं माला-एन के उपयोग में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगर स्थायी गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने की बात की जाए तो पुरुष नसबंदी में 29 प्रतिशत और महिला नसबंदी में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

2023-24 में 40.21 लाख लोगों ने परिवार नियोजन के साधनों का किया इस्तेमाल
महाप्रबंधक परिवार नियोजन डॉ. सूर्यांश ओझा ने बताया कि 2022-23 में 35.23 लाख उपयोगकर्ताओं ने परिवार नियोजन साधनों का इस्तेमाल किया जबकि इसकी तुलना में 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 40.21 लाख हो गई है। उन्होंने बताया कि इस वृद्धि की वजह विभाग के धरातल पर लगातार किये जा रहे प्रयास हैं। इसका एक उदहारण है कि हमने प्रदेश के सभी कार्यक्रमों के काउंसलर को परिवार नियोजन संबंधी प्रशिक्षण दिए हैं, जिससे कि जिन जिलों में अगर परिवार नियोजन काउंसलर नहीं हैं तो वहां परिवार नियोजन संबंधी कार्य प्रभावित नहीं हो। साथ ही कहा कि हमारा निरंतर प्रयास है कि लक्षित जनसंख्या को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के बारे में जानकारी हो और वह उसे स्वीकार किया जाए। 

टीएफआर में भी कमी दर्ज 
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सकल प्रजनन दर (टीएफआर) में भी कमी दर्ज की गई है। एनएफएचस- 5 ( 2019-20 ) के अनुसार टीएफआर 2.4 है जबकि एनएफएचस-4 (2015-16) में यह आंकड़ा 2.7 था। परिवार नियोजन को लेकर प्रदेश में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के सकारात्मक नतीजों की वजह से परिणाम देखने को मिले हैं। इसी कड़ी में 11 से 24 जुलाई तक सभी स्वास्थ्य इकाईयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में परामर्श दिया जाएगा। इस दौरान लोगों को यह साधन उपलब्ध भी कराए जाएंगे। जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन से इस अभियान की शुरुआत की जा रही है। बास्केट ऑफ च्वाइस में परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), गर्भपात पश्चात इंट्रायूट्राइन कॉन्सेट्राप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी), कॉपर टी, माला-एन, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली(ईसीपी) और कंडोम शामिल हैं।

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