मंगेश यादव एनकाउंटर में मानवाधिकर आयोग ने जांच का दिया आदेश : सुल्तानपुर की डीएम से मांगी रिपोर्ट, 30 सितंबर को सुनाई

UPT | Mangesh Yadav Encounter

Sep 12, 2024 02:14

मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील गजेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट तलब की है।

Lucknow News : सुल्तानपुर में मंगेश यादव एनकाउंटर को लेकर जहां विपक्ष प्रदेश सरकार पर हमलावर बना हुआ है, वहीं राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने इस मामले में सुल्तानपुर के जिला मजिस्ट्रेट से 27 सितंबर से पहले तक अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस मामले में आयोग अगली सुनवाई 30 सितंबर को करेगा।

एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए मानवाधिकार आयोग में शिकायत
सुल्तानपुर में ज्वेलर्स के वहां विगत 5 सितंबर को डकैती कांड में वांछित एक लाख के इनामी मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद प्रदेश का सियासी पारा गरमाया हुआ है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इसे लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं मंगेश के परिजनों की तरफ से भी यूपी एसटीएफ पर कई आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील गजेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट तलब की है।

मजिस्ट्रियल जांच के हो चुके हैं आदेश
इस मामले में सुल्तानपुर की जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे चुकी हैं। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी लंभुआ विदुषी सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। एसडीएम विदुषी सिंह ने इस संबंध में सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि एनकाउंटर के बारे में जो भी व्यक्ति, अधिकारी, कर्मचारी कोई साक्ष्य देना चाहे या अपना परीक्षण कराना चाहे तो वह 20 सितंबर तक दे सकते हैं। उपजिलाधिकारी विदुषी सिंह ने कहा है कि ऐसे लोग किसी भी कार्य दिवस में प्रात: दस बजे से अपराह्न तीन बजे तक उनके कार्यालय न्यायालय में उपस्थित होकर अपना कथन,साक्ष्य अभिलेख प्रस्तुत कर सकते हैं।

20 सितंबर तक मांगी गई है जानकारी
ऐसे में मजिस्ट्रियल जांच 20 सितंबर के बाद ही पूरी होगी। माना जा रहा है कि राज्य मानवाधिकार आयोग ने मजिस्ट्रियल जांच को देखते हुए सुल्तानपुर की जिलाधिकारी से 27 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस मामले की जांच में ये रिपोर्ट बेहद अहम होगी। इसके आधार पर आयोग प्रकरण को लेकर अगला कदम उठाएगा।

करोड़ों की डकैती में बरामदगी के मामले में हाथ खाली
इस चर्चित कांड में एसओजी टीम ने बुधवार को वारदात के मास्टरमांइड विपिन सिंह की निशानदेही पर उसके भाई विवेक सिंह, अरविंद यादव, दुर्गेश सिंह और विनय शुक्ल को सुलतानपुर में दुबेपुर मोड़ से गिरफ्तार किया। चारों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम था। इससे पहले तीन आरोपित मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए जा चुके हैं। डकैती में अज्ञात के अतिरिक्त 14 आरोपित वांछित थे। गिरोह का सरगना विपिन सिंह रायबरेली न्यायालय में सरेंडर कर चुका है। अन्य बदमाशों की धर-पकड़ के लिए सात टीमें गठित की गई हैं। पुलिस का दावा है कि दुकान में घुसकर जिन पांच लोगों ने लूटपाट की थी, उनमें मंगेश, अंकित यादव, अरबाज, फुरकान व अनुज प्रताप थे। इसकी जानकारी गिरफ्तार अभियुक्तों अमेठी के सहरी गांव निवासी सचिन सिंह व गोविंद सिंह और पीपरपुर के हारीपुर के रहने वाले त्रिभुवन ने दी थी। वहीं करीब डेढ़ करोड़ की डकैती के इस मामले में गहनों की बरामदगी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।

मुठभेड़ में कई सवालों का जवाब आना बाकी
इस मुठभेड़ को लीड करने वाले यूपी एसटीएफ के अफसर सीओ डीके शाही के हवाई चप्पल पहनने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसी स्थिति में वह कैसे अपराधी का पीछा कर रहे थे और मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार गिराया गया। एनकाउंटर स्थल से एसटीएफ की ओर से फायरिंग के दौरान चलाई गई बुलेट के खोखे भी नहीं मिले हैं। एसटीएफ के मुताबिक मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर महावीर ने दो, राघवेन्द्र ने दो, आरक्षी बृजेश सिंह ने एक,आरक्षी अमर श्रीवास्तव ने एक राउंड फायर किया था। वहीं बदमाशों की तरफ से कितने फायर किए गए हैं, इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा मंगेश के साथ कौन दूसरा शख्स था, जो पुलिस पर फायरिंग करते हुए फरार हो गया, इसका भी अभी तक पता नहीं चल सका है। इस मामले में आजाद अधिकार सेना के प्रमुख और पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत भेजी है, जो शिकायत संख्या 14541/1N/2024 पर दर्ज हुई है।

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