शासनादेश में कहा गया है कि चयन से सम्बन्धित यदि कोई याचिका या प्रत्यावेदन विचाराधीन हो, तो चयन इस मामले में पारित होने वाले अन्तिम निर्णय के अधीन होगा। इसके साथ ही गया है कि प्रोन्नति आदेश में शामिल कर्मियों की तैनाती से पूर्व उनके विरुद्ध किसी प्रकार की अनुशासनिक कार्रवाई आदि नहीं चल रही है।