प्रदेश के 42 जनपदों को लेकर जिस प्रकार से पीपीपी मॉडल के तहत निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया, वह पूरी तरह असंवैधानिक है। ये नियमों के विपरीत और वित्तीय खामियों से भरा हुआ प्रस्ताव है, जिससे आने वाले समय में देश व प्रदेश के निजी घरानों को लाभ होगा।