UPPCL OTS Scheme : कार्रवाई से बचने को अभियंता पूरे गांव की काट रहे बिजली, बिल जमा करने वाले उपभोक्ता परेशान

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Dec 28, 2024 18:45

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा बिजली कंपनियों की हालत यह हो गई है कि पहले बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक व पावर कारपोरेशन प्रबंधन अभियंताओं पर दबाव बनाकर एकमुश्त समाधान के लिए कार्रवाई करता है और उसका नतीजा ये हो रहा है कि अभियंता ओटीएस स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन बढ़ाने के लिए पूरे गांव की बिजली काट दे रहे हैं।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) प्रबंधन एकमुश्त समाधान योजना (OTS) को प्रमोट करने में जुटा है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा स्वयं उपभोक्ताओं से लगातार योजना का लाभ लेने की अपील कर रहे हैं। अब तक प्रदेश में लगभग 12.60 लाख उपभोक्ता स्कीम का लाभ ले चुके हैं। इससे महकमे को 938 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। हालांकि प्रदेश में नियमित रूप से बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को ओटीएस स्कीम के कारण दिक्कतों से भी जूझना पड़ रहा है।

मध्यांचल में अब तक 3.56 लाख उपभोक्ताओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
मध्यांचल (डिस्कॉम) के सभी वितरण कार्यालयों में एकमुश्त समाधान योजना में शुक्रवार तक कुल 3,56,001 विद्युत उपभोक्ताओं ने अपना पंजीकरण करवाया गया। योजना के अंतर्गत 5000 से 25000 तक के बकायेदारों की श्रेणी में 1,57,166 विद्युत उपभाक्ताओं ने अपना पंजीकरण कराया। इसी कड़ी में पांच लाख तक के बकायेदारों के पंजीकरण की संख्या 38,982 रही। इसी क्रम में पांच लाख से अधिक की श्रेणी में 411 विद्युत उपभोक्ताओं ने 27 दिसंबर तक विभिन्न जनपदों में अपना पंजीकरण योजना के लाभ के लिए करवाया। इसके अतिरिक्त उच्चश्रेणी के विद्युत बिल बकायेदारों में कुल 282 उपभोक्ताओं ने भी अपना पंजीकरण करवाया।

बिल जमा करने वाले 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं का उत्पीड़न
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से आयोजित साप्ताहिक वेबिनार में शनिवार को बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने अपनी समस्याएं रखी। उपभोक्ताओं ने कहा कि एकमुश्त समाधान योजना जहां बकाएदार उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, वहीं जो आदर्श उपभोक्ता समय से बिजली का बिल जमा कर रहे हैं, उनके सामने इस वजह से बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। फिरोजाबाद से जुड़े जसराना के बरौली गांव के उपभोक्ता अंकित शर्मा ने कहा कि उनके गांव में 50 प्रतिशत विद्युत उपभोक्ता अपने बिजली का भुगतान कर रहे हैं और 50 फीसदी बिल समय से नहीं जमा कर रहे हैं। ऐसे में क्षेत्रीय अभियंताओं ने पूरे गांव की बिजली ट्रांसफार्मर से काट दी। उनका कहना है कि जब पूरा गांव अंधेरे में रहेगा, तभी लोग ओटीएस योजना का लाभ लेने आगे आएंगे।



यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर नहीं दिख रहा बकाया भुगतान
बिजली बिल नियमित रूप से जमा करने वाले उपभोक्ताओं का कहना है कि ऐसे में उनकी हालत उसी तरह है, जिस तरह गेहूं के साथ घुन भी पीस दिया जाता है। अंकित शर्मा ने कहा कि उ​​​नके गांव में चार दिन से अंधेरा छाया हुआ है। इसी प्रकार से उपभोक्ता हरेंद्र कुमार ने कहा कि फिरोजाबाद में तो ऐसी स्थिति आम बात हो गई है। अलीगढ़, बलिया सहित अन्य जनपदों के विद्युत उपभोक्ताओं ने भी इस प्रकार की समस्या उठाई। प्रतापगढ़ से जुड़े अनुराग माही ने कहा कि एकमुश्त समाधान योजना के नाम पर कोई भी उपभोक्ता जब पावर कारपोरेशन की वेबसाइट पर अपना बकाया देखना चाहता है, तो नहीं देख पा रहा है। इसकी वजह से बिजली दफ्तर में उपभोक्ताओं का उत्पीड़न हो रहा है।

उपभोक्ता परिषद ने दी नियामक आयोग के पास जाने की चेतावनी
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में बिजली कंपनियां इस प्रकार से दबाव बना रही हैं कि समय से बिजली का बिल जमा करने वाले उपभोक्ता भी परेशान हो रहे हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। प्रदेश की बिजली कंपनियों को आदर्श उपभोक्ताओं को पूरा संरक्षण देना ही होगा। अन्यथा की स्थिति में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उपभोक्ता परिषद को संवैधानिक दायरे में विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। पहले उपभोक्ता परिषद पावर कारपोरेशन प्रबंधन से इस मुद्दे पर बात करेगा फिर आगे की कार्रवाई पर विचार करेगा।

प्रबंध निदेशक और यूपीपीसीएल प्रबंधन अभियंताओं पर बना रहा दबाव
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा बिजली कंपनियों की हालत यह हो गई है कि पहले बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक व पावर कारपोरेशन प्रबंधन अभियंताओं पर दबाव बनाकर एकमुश्त समाधान के लिए कार्रवाई करता है और उसका नतीजा ये हो रहा है कि अभियंता ओटीएस स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन बढ़ाने के लिए पूरे गांव की बिजली काट दे रहे हैं। यह तरीका पूरी तरह से गलत है। पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों को इस प्रकार की निराशाजनक कार्रवाई से बाज आना चाहिए और गलत कार्रवाई पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून के दायरे में रहकर ही कार्रवाई को आगे बढ़ाना उचित है।

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