Lucknow News : काम नहीं आए थर्मल ड्रोन और 27 ट्रैप कैमरे, बाघ ने अब गाय का किया शिकार, एक जनवरी से हाथियों से होगी कॉम्बिंग

UPT | लखनऊ के रहमानखेड़ा में बाघ ने अब गाय का किया शिकार

Dec 28, 2024 17:50

बाघ के इस ताजा शिकार से ग्रामीण और दहशत में आ गए हैं। वन विभाग की ओर से लगातार बाघ को पकड़ने के दावे किए जा रहे हैं। नई नई तरकरीब लगाने के बाद भी वन विभाग को सिर्फ बाघ की झलक ही दिखाई दिए हैं, असल में उसका बाघ से आमना-सामना नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि गाय को मारने के बाद अब बाघ अब उसे खाने के लिए फिर वहां आएगा।

Lucknow News : शहर के रहमानखेड़ा इलाके में पिछले करीब एक महीने से बाघ की दहशत बरकरार है। अब इलाके में तेंदुए के देखे जाने के दावों के बीच लोग दहशत में आ गए हैं। वन महकमा पूरे दलबल के साथ इलाके में कॉम्बिंग कर रहा है। एक्सपर्ट की टीम भी बुलाई गई है। इसके अलावा ट्रैप कैमरों भी लगाए गए हैं, बावजूद इसके बाघ चकमा देने में लगातार सफल हो रहा है। शनिवार को एक बार फिर उसने टीम को चकमा देते हुए शिकार किया। इस बार बुधड़ियां गांव में बाघ ने गाय का शिकार कर दहशत फैला दी। बाघ ने गाय और उसके बछड़े को कुछ दूर तक दौड़ाने के बाद गाय की गर्दन पर हमला किया। इसके बाद वह मृत गाय को वहीं छोड़कर चला गया। वहीं गाय का बछड़ा अभी नहीं मिल सका है।

वन विभाग को सिर्फ तस्वीरों में नजर आया बाघ
बाघ के इस ताजा शिकार से ग्रामीण और दहशत में आ गए हैं। वन विभाग की ओर से लगातार बाघ को पकड़ने के दावे किए जा रहे हैं। नई नई तरकरीब लगाने के बाद भी वन विभाग को सिर्फ बाघ की झलक ही दिखाई दिए हैं, असल में उसका बाघ से आमना-सामना नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि गाय को मारने के बाद अब बाघ अब उसे खाने के लिए फिर वहां आएगा। मुमकिन है कि वह रात में किसी वक्त वहां आए। इसलिए वन विभाग की टीम उस जगह नजरें गढ़ाए बैठी है। हालांकि बछड़े के नहीं मिलने से ये साफ नहीं हो पाया है कि बाघ उसे कहीं और लेकर गया है या फिर बछड़ा बचने में सफल रहा। फिलहाल वन विभाग की टीम ने इलाके में कॉम्बिंग तेज कर दी है और पिंजरा लगाने की योजना बनाई है।



शिकार की जगह पर ग्रामीणों में दहशत
शनिवार की घटना को लेकर ग्रामीण महेश रावत ने बताया कि वह उस समय बाग में खाद डाल रहा था। तभी बाघ नजर आया। इससे वह दहशत में आ गया और भागकर गांव जाकर लोगों को बताया। इसके बाद जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो बाघ गायब हो चुका था। मौके पर गाय मृत मिली और बछड़ा नहीं दिखा। शिकार की जगह पर बाघ के पगचिह्न भी नजर आए।

शिकार के लिए तैनात होंगे हाथी
प्रभागीय निदेशक डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि क्षेत्र में बाघ के आतंक को खत्म करने के लिए अब 1 जनवरी से हाथियों की मदद ली जाएगी। इसके लिए दुधवा नेशनल पार्क से हाथी बुलाए गए हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों की टीम पहले ही पहुंच चुकी है। इसके अलावा पगचिह्नों की जांच और सुरक्षा के लिए टीमों को सक्रिय किया गया है। जिस पुलिस के पास बाघ ने जंगली सुअर का शिकार किया था, वहां पर भी एक पिंजरा लगाया जाएगा। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के चौथे ब्लॉक को बाघ को पकड़ने के लिए आदर्श स्थान माना गया है। इस इलाके में लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां मचान, पिंजरा और पड़वा बांधने की योजना बनाई गई है।

सुनसान स्थानों पर अकेले नहीं जाने की सलाह
इस बीच शाहपुर गांव में बाघ के नजर आने के भी दावे किए गए। इसके बाद शनिवार को वन महकमे की टीम मौके पर पहुुंची। बताया जा रहा है कि गांव के आस-पास बाघ के पैरों के निशान मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं बारिश की वजह से बाघ के पैरों के निशान ठीक से नजर नहीं आने की बात भी कही जा रही है। इस बीच बाघ के आतंक के बीच रहमानखेड़ा क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी ने ग्रामीणों की चिंता और बढ़ा दी है। गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में खिलाड़ियों और कर्मचारियों ने तेंदुए को देखने का दावा किया है। कॉलेज प्रशासन ने सतर्कता बरतने और सुनसान स्थानों पर अकेले न जाने की सलाह दी है।

ट्रैप कैमरे और थर्मल ड्रोन से की जा रही तलाश
वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए 27 ट्रैप कैमरे और थर्मल ड्रोन तैनात किए हैं। इसके बावजूद अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। दो जगहों पर पिंजरे लगाए गए हैं और दुधवा टाइगर रिजर्व से एक विशेष ट्रांसपोर्टेशन पिंजरा मंगवाया गया है। ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मचान पर निगरानी के लिए लगाई गई टीमें अक्सर गायब रहती हैं। शुक्रवार को शाहपुर और भटऊ जमालपुर गांवों के पास बाघ की दहाड़ सुनकर खेतों में काम कर रहे किसानों ने जान बचाने के लिए भागने की कोशिश की। बाघ ने शुक्रवार को बेहता नाले के पास एक और वनरोज का शिकार किया। बाघ अब तक छह जानवरों का शिकार कर चुका है।

Also Read