UP News : सीएम योगी का गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर, बोले- किसानों को होगी बड़ी आर्थिक बचत

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Dec 28, 2024 16:52

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस पद्धति से प्रत्येक किसान प्रति एकड़ दस से बारह हजार रुपये बचा सकते हैं। यदि प्रदेश के अधिकतर किसान इस खेती को अपनाते हैं, तो इससे कितनी बड़ी आर्थिक बचत हो सकती है।

Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस पद्धति से प्रत्येक किसान प्रति एकड़ दस से बारह हजार रुपये बचा सकते हैं। यदि प्रदेश के अधिकतर किसान इस खेती को अपनाते हैं, तो इससे कितनी बड़ी आर्थिक बचत हो सकती है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

गोवंश के संरक्षण और संवर्धन में मदद
सीएम योगी ने कहा कि गोमाता के महत्व को लेकर यह केवल पुण्य का कार्य नहीं है, बल्कि इससे किसानों की लागत कम होने के साथ-साथ गोवंश के संरक्षण और संवर्धन में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही जल, भूमि और मानव स्वास्थ्य में स्थायी सुधार भी देखा जा सकता है। इस प्रकार की खेती से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा, क्योंकि उर्वरकों के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत संभव होगी।



उर्वरकों के आयात पर हो रहा भारी खर्च
सीएम ने बताया कि उत्तर प्रदेश अपनी बीज जरूरत का करीब आधा हिस्सा ही राज्य में उत्पादित करता है, जबकि बाकी बीज दक्षिण भारत के राज्यों से आता है। इसके अलावा, भारत यूरिया, फास्फेटिक उर्वरक और पोटाश जैसे उर्वरकों के आयात पर भारी खर्च करता है। 2023-2024 में भारत ने 2127 करोड़ रुपये का यूरिया आयात किया था।

प्रदेश में दो करोड़ गोवंश उपलब्ध  
गो आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार कई कदम उठा रही है। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता के अनुसार यूपी में करीब 2.78 करोड़ किसान और लगभग 2 करोड़ गोवंश हैं। यदि हर किसान एक गाय पालता है, तो कई समस्याएं अपने आप हल हो सकती हैं। प्राकृतिक खेती के विशेषज्ञों के अनुसार, एक गाय के गोबर और गोमूत्र से करीब 4 एकड़ भूमि पर खेती की जा सकती है।

कोविड-19 के बाद से जैविक-प्राकृतिक उत्पादों के प्रति बढ़ा रुझान 
सरकार की मंशा है कि प्रदेश के गो आश्रय आत्मनिर्भर बने, जिसके लिए सरकार इन आश्रयों को गो आधारित प्राकृतिक खेती और अन्य उत्पादों के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। इसके अलावा, प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए विश्वविद्यालय भी खोला जाएगा। इस पद्धति को अपनाने वाले किसानों को तीन साल तक आर्थिक सहायता देने का भी प्रस्ताव है। कोविड-19 के बाद से जैविक और प्राकृतिक उत्पादों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। इससे स्थानीय उत्पादों को अधिक महत्व मिल रहा है, जिससे न केवल राज्य में, बल्कि निर्यात के स्तर पर भी नई संभावनाएं खुल रही हैं।

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