UPPCL Privatisation : लखनऊ में कल बिजली पंचायत में संगठन ​फूकेंगे बिगुल, आरक्षित अभियंता कानूनी लड़ाई की बनाएंगे रणनीति

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Dec 21, 2024 20:41

उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की एकतरफा प्रक्रिया का विरोध जारी है। ऊर्जा संगठन कल रविवार को अपने प्रदर्शन और बैठकों के जरिए सरकार को चेताने के साथ आगे की रणनीति की दिशा तय करेंगे।

Lucknow News : दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण के मामले में रविवार को लखनऊ में विशाल बिजली पंचायत के लिए संगठन तैयार हैं। इसमें प्रदेशभर के बिजली अभियंता, कर्मचारी, संविदाकर्मियों के साथ उपभोक्ताओं के शामिल होने की बात कही जा रही है। निजीकरण के खिलाफ प्रदेश में भर में कार्मिक माहौल बनाने में जुटे हैं। इसमें जहां पीपीपी मॉडल से उपभोक्ताओं के नुकसान का हवाला दिया जा रहा है, वहीं आरक्षित कार्मिकों के आरक्षण पर कुठाराघात भी बड़ा मुद्दा है। आरक्षित अभियंता लगातार दावा कर रहे हैं कि निजीकरण उनके लिए बेहद घातक साबित होगा।

पावर ऑफिसर एसोसिएशन की केंद्रीय कार्य समिति की आपात बैठक
अब उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को कानूनी रूप से घेरने के लिए आरक्षित अभियंता नई तैयारी में जुट गए हैं। संगठनों के स्तर पर अपना विरोध जताने के साथ कानूनी रूप से भी इस लड़ाई को आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की केंद्रीय कार्य समिति की कल 22 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई गई है। बैठक में दक्षिणांचल और पूर्वांचल के निजीकरण पर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा। साथ ही संगठन विधिक तैयारी पर भी अपनी मजबूती के साथ विकल्प तलाशेगा।



वैधानिक प्रक्रिया के लिए विचार विमर्श करेंगे पदाधिकारी
संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक विधिक मजबूती के साथ भी अपनी बात को रखना बेहद जरूरी है। विधिक पैरामीटर पर भी काम करने के लिए एसोसिएशन के पदाधिकारी मंथन करेंगे। इसके लिए रविवार बैठक बुलाकर एक लीगल फ्रेमवर्क में आगे की वैधानिक प्रक्रिया के लिए विचार विमर्श किया जाएगा। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव अजय कुमार, बनवारी लाल, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा ने अपने बयान में कहा कि इस बैठक में महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कर विधिक तैयारी के साथ संगठन निजीकरण को रोकने के लिए आगे बढ़ेगा।

निजीकरण के प्रस्ताव को निरस्त करने के बाद ही खत्म होगी लड़ाई
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने दावा किया है कि उसकी लड़ाई को विभिन्न संगठनों के साथ किसानों और उपभोक्ताओं का समर्थन मिल रहा है। संगठन निजीकरण को किसी भी स्तर पर लागू नहीं होने देगा। निजीकरण के प्रस्ताव को निरस्त करने के बाद ही ये लड़ाई खत्म होगी। बिजली पंचायत में देशभर के कई ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी संघों के राष्ट्रीय पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। बिजली पंचायत में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन और अन्य राष्ट्रीय संघों के अध्यक्ष व महामंत्री भी शामिल होंगे। वहीं चंडीगढ़ में 25 दिसंबर को विशाल बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें बिजली के निजीकरण से उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को होने वाले भारी नुकसान से अवगत कराया जाएगा।

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