UPPCS-J 2024 : यूपी में पीसीएस 'जे' के 218 पदों पर होगी भर्ती, आयोग को भेजा गया प्रस्ताव

UPT | UPPCS J Vacancy 2024

Nov 07, 2024 20:33

नियुक्ति विभाग द्वारा जारी किए गए प्रस्ताव के अनुसार, पीसीएस 'जे' के कुल 218 पदों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें से 90 पद अनारक्षित वर्ग के लिए हैं, जो सबसे अधिक संख्या है। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 54 पद सुरक्षित हैं, जबकि शेष पद अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए रखे गए हैं।

Lucknow News : सरकारी नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रदेश सरकार एक नया अवसर देने जा रही है। राज्य में पीसीएस 'जे' (सिविल जज, जूनियर डिविजन) के 218 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए नियुक्ति विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को प्रस्ताव भेज दिया है, जिसमें जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव के आधार पर प्रदेश में न्यायिक सेवाओं में एक नया अध्याय जोड़ने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

उच्च न्यायालय का प्रस्ताव और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
महानिबंधक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा नियुक्ति विभाग को इस भर्ती प्रस्ताव की अनुशंसा की गई थी। राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव पर कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के 18 दिसंबर 2020 को पारित आदेश को आधार बनाकर इस निर्णय को अंतिम रूप दिया। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, इन नियुक्तियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत कंपार्टमेंटल आरक्षण के आधार पर किया जाएगा।



विभिन्न श्रेणियों के लिए पदों का वितरण
नियुक्ति विभाग द्वारा जारी किए गए प्रस्ताव के अनुसार, पीसीएस 'जे' के कुल 218 पदों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें से 90 पद अनारक्षित वर्ग के लिए हैं, जो सबसे अधिक संख्या है। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 54 पद सुरक्षित हैं, जबकि शेष पद अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए रखे गए हैं। इस वितरण से विभिन्न वर्गों के अभ्यर्थियों को समान अवसर मिलने की संभावना है।

परीक्षा केंद्रों का निर्धारण और अभ्यर्थियों की सुविधा
लोक सेवा आयोग को भेजे गए प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण राज्य के कार्मिक विभाग द्वारा तय नीति के अनुसार किया जाएगा। इसके तहत अभ्यर्थियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उन्हें परीक्षा देने के लिए दूरदराज के केंद्रों पर न जाना पड़े। साथ ही, ऐसे स्कूलों को परीक्षा केंद्र के रूप में नहीं चुना जाएगा जिनकी छवि संदिग्ध हो। इस व्यवस्था से परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने में मदद मिलेगी।

भर्ती प्रक्रिया की संभावनाएं और दिशा
इस पूरी भर्ती प्रक्रिया का उद्देश्य न्यायिक सेवाओं में उच्चतम स्तर की निष्पक्षता और योग्यता को सुनिश्चित करना है। आयोग को भेजे गए इस प्रस्ताव से उम्मीद की जा रही है कि चयन प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू होगी और योग्य उम्मीदवारों को उनके कौशल और प्रतिभा के आधार पर स्थान मिलेगा।

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