World Pneumonia Day 2024 : हर सांस है कीमती, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया मौत की बड़ी वजह

UPT | World Pneumonia Day

Nov 11, 2024 20:06

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक डॉ. सूर्यांशु ओझा ने बताया कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया मृत्यु का एक बड़ा कारण है। राज्य में 15 प्रतिशत से अधिक बच्चों की मृत्यु निमोनिया से होती है, जिसका प्रमुख कारण कुपोषण और गरीबी है।

Short Highlights
  • विश्व निमोनिया दिवस 12 नवंबर को
  • इस वर्ष की थीम है- 'एवरी ब्रेथ काउंट्स: स्टॉप निमोनिया इन इट्स ट्रैक' 
Lucknow News : हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके। इस वर्ष की थीम 'एवरी ब्रेथ काउंट्स: स्टॉप निमोनिया इन इट्स ट्रैक' है, जो यह दर्शाती है कि प्रत्येक सांस कीमती है और हमें निमोनिया को रोकने के प्रयासों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

निमोनिया के प्रति जागरूकता पर जोर
प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि सभी को मिलकर निमोनिया के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। इसके लिए टीकाकरण और सही पोषण को प्राथमिकता देना आवश्यक है। मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने नवजात स्वास्थ्य देखभाल पर जोर देते हुए बताया कि जिला अस्पतालों में एसएनसीयू स्टाफ को बबल सी-पैप प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे शिशुओं को जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया मौत का बड़ा कारण 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक डॉ. सूर्यांशु ओझा ने बताया कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया मृत्यु का एक बड़ा कारण है। राज्य में 15 प्रतिशत से अधिक बच्चों की मृत्यु निमोनिया से होती है, जिसका प्रमुख कारण कुपोषण और गरीबी है। इस समस्या से निपटने के लिए 'SAANS' कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत बचाव, रोकथाम, और उपचार (पीपीटी) की रणनीति अपनाई जा रही है।

इन लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने बताया कि यदि बच्चे की सांस तेज चल रही हो या छाती अंदर की ओर धंस रही हो, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। बच्चों में निमोनिया के अन्य लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, सुस्ती, बेहोशी, स्तनपान न करना और उल्टी शामिल हैं।

बचाव और रोकथाम के उपाय
निमोनिया से बचाव के लिए ठंड में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और नवजातों को अच्छी तरह से ढककर रखें। घरों में धुएं से बचने के लिए एलपीजी का उपयोग करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, घरेलू वायु प्रदूषण कम होने से निमोनिया से होने वाली मृत्यु दर में कमी आई है। बच्चों को जन्म से छह महीने तक केवल स्तनपान कराएं और इसके बाद ऊपरी आहार देना शुरू करें। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। खसरा, रूबेला, न्यूमोकॉकल कन्जुगेट वैक्सीन, और पेंटावैलेन्ट टीकों से निमोनिया से जुड़ी बीमारियों और मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।

स्वच्छता बनाए रखें
खाना बनाने, बच्चे को खाना खिलाने, शौच के बाद और बच्चे की सफाई करने के बाद हाथ साबुन और पानी से जरूर धोएं। साफ-सफाई का ध्यान रखने से भी संक्रमण को रोका जा सकता है।

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