योगी सरकार की सख्त कार्रवाई : यूपी के तीन अवैध बूचड़खानों की एनओसी होगी रद्द

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Nov 15, 2024 23:32

उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त कार्रवाई के बाद अब प्रदेश के तीन बूचड़खानों की एनओसी (Nodal Officer Certificate) वापस ली जाएगी।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त कार्रवाई के बाद अब प्रदेश के तीन बूचड़खानों की एनओसी (Nodal Officer Certificate) वापस ली जाएगी। इनमें दो बूचड़खाने उन्नाव जिले में और एक गाजियाबाद में स्थित हैं। इन बूचड़खानों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य स्तरीय समिति की स्वीकृति के बिना अवैध रूप से एनओसी जारी कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक इस मामले के पहुंचने के बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाया और इसे उजागर करने वाली कार्रवाई को तेज कर दिया।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में मिलीभगत
यह मामला तब सामने आया, जब यह खुलासा हुआ कि कुछ अधिकारियों ने अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए इन बूचड़खानों को एनओसी जारी कर दी थी, जबकि नियमों का उल्लंघन किया गया था। इस घोटाले के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मामला गंभीर होते हुए मुख्यमंत्री तक पहुंचा, जिससे बोर्ड और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी। अब इन तीन बूचड़खानों की एनओसी रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

कड़ी जांच और सख्त सजा
स्लाटर हाउस के लाइसेंस देने की प्रक्रिया को योगी सरकार ने पहले ही काफी सख्त बना दिया था और प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। इसके बावजूद, बोर्ड के कुछ अधिकारियों ने अपनी मिलीभगत से इन अवैध बूचड़खानों को एनओसी जारी कर दी थी। जांच के बाद अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।



योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर लगाई रोक
इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख पर्यावरण अधिकारी विवेक राय और क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर को निलंबित किया गया है। इसके अलावा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह और उनके सहयोगी सचिवों को भी पद से हटा दिया गया है। इसके बावजूद कार्रवाई का सिलसिला जारी है और कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी जांच चल रही है।

एनओसी रद्द करने की प्रक्रिया तेज
अब तीनों अवैध बूचड़खानों की एनओसी रद्द करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, और जिन संचालकों ने जवाब दिया था, उनके जवाबों को संतोषजनक नहीं माना गया है। योगी सरकार की इस कड़ी कार्रवाई से प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ एक कड़ा संदेश जाएगा।

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