Meerut News : मेरठ नौचंदी थाने के हिस्ट्रीशीटर रफीक अंसारी का बवालों से रहा है पुराना नाता

UPT | पुलिस हिरासत में मेरठ शहर सीट से सपा विधायक रफीक अंसारी।

May 29, 2024 00:36

ये वारंट 13 साल पहले के एक मामले में जारी हुआ था। साल 2007 में नगर निगम के एक ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि रफीक अंसारी ने उन पर चाकू से जानलेवा हमला...

Short Highlights
  • 2007 में निगम के ठेकेदार ने रफीक पर लगाया था चाकू से हमले का आरोप
  • तीन बार रह चुके हैं रफीक अंसारी नगर निगम मेरठ के पार्षद 
  • दर्जनों मुकदमें में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी नहीं गए थे जेल
Meerut Rafiq Ansari News : मेरठ शहर से सपा विधायक रफीक अंसारी आखिरकार जेल की सलाखों के पीछे पहुंच ही गए। रफीक अंसारी का बवालों से पुराना नाता रहा है। बुनकर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले रफीक अंसारी मेरठ नौचंदी थाने के पुराने हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं। थाने में दर्ज मुकदमे के बावजूद रफीक अंसारी मेरठ नगर निगम पार्षदी का चुनाव लड़े और लगातार तीन बार पार्षद चुने गए। रफीक अंसारी जिस मामले में जेल गए गए हैं वो भी 32 साल पुराना है। जब बवाल हुआ था तक रफीक अंसारी पार्षद हुआ करते थे। 

रफीक अंसारी के खिलाफ वारंट जारी होते रहे
इस मामले से पहले भी रफीक अंसारी के खिलाफ वारंट जारी होते रहे हैं। 30 जनवरी 2020 को रफीक अंसारी के खिलाफ मेरठ की एक अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। ये वारंट 13 साल पहले के एक मामले में जारी हुआ था। साल 2007 में नगर निगम के एक ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि रफीक अंसारी ने उन पर चाकू से जानलेवा हमला किया है। इस मामले में चार साल बाद 2011 में चार्जशीट दाखिल हुई थी। हालांकि इस मामले में भी रफीक की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
रफीक अंसारी ने विधायकी का पहला चुनाव 2012 में सपा के टिकट पर मेरठ सीट से लड़ा था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2012 में उन्हें मेरठ सिटी सीट से विधायकी का टिकट मिला।

लक्ष्मीकांत बाजपेयी से करीब चार हजार वोटों के अंतर से हारे
वह भारतीय जनता पार्टी के पूर्व उत्तर प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी से करीब चार हजार वोटों के अंतर से हारे, लेकिन इससे पार्टी में उनका कद कम नहीं हुआ। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हारने के बाद भी अंसारी को हथकरघा एवं पर्यटन विभाग का अध्यक्ष बनाया गया। पार्षदी से राजनीति का सफर शुरू करने वाले रफीक अंसारी समाजवादी पार्टी के पुराने नेताओं में आते हैं। समाजवादी पार्टी के टिकट पर तीन बार पार्षद चुने गए रफीक अंसारी का सपा के भीतर कद बढ़ता गया है।

मेरठ के मेयर पद के लिए भी लड़ा चुनाव
रफीक अंसारी ने मेरठ मेयर पद का चुनाव भी लड़ा। इस चुनाव में भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया के हाथों रफीक को हार मिली थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव 2017 में सपा ने एक बार फिर से रफीक अंसारी पर भरोसा किया और उनको मेरठ शहर सीट से चुनाव में उतार दिया। इस बार फिर उनके सामने बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ही थे। हालांकि, इस बार बाजी पलट गई और रफीक अंसारी विधायक बन गए। उसके बाद से लगातार दो बार से रफीक अंसारी मेरठ शहर सीट सपा के खाते में जीत के रूप में डालते आ रहे हैं। 

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