बुलंदशहर में जनरेटर पर लगी रोक : प्रदूषण से जूझते शहर में AQI 328 तक पहुंचा, MD ने जारी किया निर्देश

UPT | MD ने जारी किया निर्देश

Nov 17, 2024 14:27

बुलंदशहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब शादी-विवाह जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों और अन्य आयोजनों में डीजल जनरेटर के उपयोग पर अस्थायी रोक लगा दी...

Bulandshahr News : बुलंदशहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पावर कारपोरेशन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब शादी-विवाह जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों और अन्य आयोजनों में डीजल जनरेटर के उपयोग पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

डीजल जनरेटर पर लगी अस्थायी रोक
शादी-विवाह आयोजकों और मैरिज लॉन के मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण के दृष्टिकोण से डीजल जनरेटर का उपयोग न करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, स्थायी बिजली कनेक्शन प्राप्त करने के लिए "निवेश मित्र" पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान की गई है। अधिकारियों का मानना है कि इससे आयोजन स्थलों को प्रदूषण से बचाते हुए पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।



लोगों के गले में खराश और आंखों में जलन
शनिवार को एनसीआर और जिले के अन्य हिस्सों में वायु प्रदूषण ने गंभीर रूप ले लिया। दमघोंटू वातावरण के कारण लोगों के गले में खराश और आंखों में जलन जैसी समस्याओं से जूझने लगे हैं। बुलंदशहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) भी 328 तक पहुँच गया, जो कि बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।

स्मॉग से घिरा बुलंदशहर
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जल्द ही हवाओं में बदलाव आने की संभावना है, जिससे प्रदूषण में थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, इस समय घना कोहरा और प्रदूषण स्थिति को और भी गंभीर बना रहे हैं। दिनभर स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिसके कारण दृश्यता भी बेहद कम हो गई और शून्य के करीब पहुंच गई।

गुरुवार से मौसम में बदलाव की संभावना
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब और हरियाणा से निकलने वाले प्रदूषक दिल्ली-एनसीआर की ओर बढ़ रहे हैं। गुरुवार से मौसम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्रों में बारिश और ऊंचे इलाकों में बर्फबारी हो सकती है, जिससे प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है।

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