बड़ी बात यह है कि ख़ुद जाट बिरादरी से ताल्लुक़ रखने और चौधरी चरण सिंह के बेहद नज़दीक रहने के बावजूद किरनपाल सिंह ने मुलायम सिंह यादव के साथ खड़ा होना मुनासिब समझा था। वह पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और चौधरी अजित सिंह के जनता दल को छोड़कर मुलायम सिंह यादव के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।