नोएडा में वायु प्रदूषण से व्यापार प्रभावित : एयर प्यूरीफायर की बिक्री में वृद्धि, 20% कारोबार में गिरावट

UPT | नोएडा में वायु प्रदूषण से व्यापार प्रभावित

Nov 22, 2024 19:05

बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण नोएडा में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में तेजी आई है, जबकि व्यापारियों को इस कारण से 20% तक के व्यापारिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

Noida News : बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण नोएडा में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में तेजी आई है, जबकि व्यापारियों को इस कारण से 20% तक के व्यापारिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर नोएडा सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) दिल्ली एनसीआर के संयोजक सुशील कुमार जैन ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने लोगों को बाजार जाने से रोका है, जिससे व्यापार में भारी गिरावट देखी जा रही है।

एयर प्यूरीफायर की बढ़ती मांग
नोएडा के बाजारों में उपभोक्ताओं की संख्या में कमी आई है, लेकिन वायु प्रदूषण से बचने के लिए लोग तेजी से एयर प्यूरीफायर खरीद रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन लगभग 25 एयर प्यूरीफायर बेचे जा रहे हैं, जिनकी कीमतें 10,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच हैं। इस तरह की बिक्री से हर दिन करीब 50 लाख रुपये का कारोबार हो रहा है। लोगों के घर के भीतर की वायु गुणवत्ता को सुधारने की चिंता के कारण एयर प्यूरीफायर की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है।

वायु प्रदूषण का व्यापार पर असर
वायु प्रदूषण ने व्यापार क्षेत्र पर गहरा प्रभाव डाला है। सुशील कुमार जैन के अनुसार, प्रदूषण की वजह से व्यापार में लगभग 20% की गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के चलते लोग बाजारों में खरीदारी के लिए बाहर निकलने से बच रहे हैं। इससे विशेष रूप से छोटे और मध्यम व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। त्योहारों और शादी के मौसम के दौरान भी, जब आमतौर पर व्यापार में तेजी देखने को मिलती है, तब भी प्रदूषण के कारण बिक्री प्रभावित हो रही है।

ई-कॉमर्स का बढ़ता प्रभाव
वायु प्रदूषण के कारण लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी का विकल्प भी अपनाना शुरू कर दिया है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की बढ़ती पहुंच ने लोगों को घर बैठे सामान खरीदने की सुविधा दी है, जिससे स्थानीय बाजारों में उपभोक्ताओं की संख्या कम होती जा रही है।



स्वास्थ्य चिंताएं और कार्यबल पर प्रभाव
सुशील कुमार जैन ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं, जिससे कार्यबल की उत्पादकता प्रभावित हो रही है। स्वास्थ्य समस्याओं के कारण कर्मचारियों की अनुपस्थिति में वृद्धि हुई है, जिससे व्यापार में और बाधा आ रही है। नोएडा में प्रवासी मजदूर भी बिगड़ते पर्यावरणीय हालात के कारण शहर छोड़ रहे हैं, जिससे व्यापार जगत पर असर पड़ रहा है।

सरकार से संतुलित नीतियों की मांग
व्यापारियों की समस्याओं को देखते हुए सुशील कुमार जैन ने सरकार से प्रदूषण नियंत्रण के लिए संतुलित नीतियां बनाने की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि पर्यावरण के अनुकूल समाधान, जैसे इलेक्ट्रिक ट्रकों का उपयोग, आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किए बिना प्रदूषण कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने प्रभावित व्यापारियों को वित्तीय सहायता और कर में छूट देने की मांग भी की है, ताकि उन्हें हो रहे नुकसान से राहत मिल सके।

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