यूपी कैबिनेट का बड़ा फैसला : नोएडा में मेट्रो एक्वा लाइन का होगा विस्तार, 700 करोड़ से अधिक का आएगा खर्च

UPT | मंत्री परिषद की बैठक

Nov 22, 2024 23:54

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को मंत्री परिषद् की बैठक की गई। इसमें यह निर्णय लिया गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो रेल सेवा के एक्वा लाइन का विस्तार किया जाएगा...

Noida News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुक्रवार को मंत्री परिषद् की बैठक की गई। इसमें यह निर्णय लिया गया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो रेल सेवा के एक्वा लाइन का विस्तार किया जाएगा। सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-'पांच' (V) तक यातायात को और सुगम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसके अलावा प्रदेश के 9 शहरी विकास प्राधिकरणों के विस्तारीकरण के लिए सीड कैपिटल मुहैया कराने के प्रस्ताव पर भी योगी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

परियोजना पर करोड़ों का आएगा खर्च
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन में बताया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा में यातायात को और सुगम बनाने के लिए 17.435 किमी लंबी सेक्टर 51 नोएडा स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-'पांच' (V) तक एक्वा लाइन मेट्रो परियोजना के विस्तार के संबंध में मंत्रीमंडल द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। इसमें 394 करोड़ रुपये भारत सरकार और 394 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से खर्च किये जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत धनराशि नोएडा और 60 प्रतिशत धनराशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी।



कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा में 80 गांव जोड़ने का निर्णय
इसके साथ ही साथ चित्रकूट में 800 मेगावॉट की सौर परियोजना में ट्रांसमिशन लाइन और सबस्टेशन के लिए धन आंवटन को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा में 80 गांव को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई है। यह फैसला कानपुर नगर के विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मंत्री परिषद् ने कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा में 80 गांव जोड़ने का फैसला लिया है। कानपुर नगर के विकास को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है। यह फैसला मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत लिया गया है।

सीड कैपिटल की मिली मंजूरी 
वहीं प्रदेश के अन्य शहरी क्षेत्रों के विस्तार के लिए 3,000 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया था। इसमें 9 विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को भूमि खरीद के लिए 50 प्रतिशत पैसा दिया जा रहा है। इसके तहत सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, खुर्जा, बांदा एवं मेरठ विकास प्राधिकरण को 14 योजना में सीड कैपिटल के रूप में 4164.16 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गयाा है। इस वित्तीय वर्ष में इसके अंतर्गत 1285 करोड़ रुपये अनुमोदित किया गया है। 

प्रदेश में गारंटी रिडम्पशन फंड बनाने का फैसला
वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा अवस्थापना, सहकारिता और ग्राम विकास जैसे विभागों को विभिन्न फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। केंद्रीय वित्त आयोग, सीएजी और कैग की गाइडलाइन्स के अनुसार यूपी में गारंटी रिडम्पशन फंड बनाने का निर्णय लिया गया है। ताकि, कोई भी विभाग अगर डिफाल्ट होता है तो फंड से भुगतान किया जा सके। देश के 19 राज्यों में इस फंड का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस फंड के लिए 1,63,399.82 करोड़ रुपये की गारंटी ली है। इस फंड में 8,170 करोड़ रुपये रखने फैसला लिया जाएगा। साथ ही हर वर्ष बजट में 1,634 करोड़ रुपये का प्राविधान इस फंड के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का कोई भी विभाग डिफाल्ट नहीं है।

जीएसटी में संशोधन का फैसला
वित्तमंत्री ने बताया कि सेंट्रल एक्ट में संशोधन के बाद उत्तर प्रदेश में भी जीएसटी में संशोधन का फैसला मंत्री परिषद् द्वारा किया गया है। इसके तहत एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को जीएसटी से निकालकर वैट में डाला गया है। इससे यूपी का राजस्व बढ़ेगा। अबतक एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल से 50 परसेंट राजस्व यूपी को मिलता था, जबकि इस फैसले के बाद 100 प्रतिशत राजस्व लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश में शराब के दामों में कोई परिवर्तन नहीं आएगा।

चित्रकूट में 800 मेगावॉट की परियोजना निर्माणाधीन 
नगर विकास और ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं हैं और यह क्षेत्र धीरे-धीरे एक बड़े ऊर्जा स्रोत के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में, यहां 4,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं विभिन्न चरणों में कार्यान्वित हो रही हैं। इस समय चित्रकूट में 800 मेगावाट की सौर परियोजना निर्माणाधीन है, जिससे उत्पादित ऊर्जा को भारत सरकार के ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के माध्यम से ट्रांसमिट किया जाएगा। इसके लिए 400/220 केवी और 500 एमवीए की दो नई ट्रांसमिशन लाइनें बनायी जाएंगी, जिनकी मंजूरी मंत्रीमंडल से मिल चुकी है।

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4,000 करोड़ रुपये से अधिक के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को मंजूरी
इस परियोजना की कुल लागत 619.90 करोड़ रुपये होगी, जिसमें सब-स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनें स्थापित की जाएंगी। भारत सरकार इस परियोजना में वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसमें 33 प्रतिशत यानी 204.57 करोड़ रुपये कैपिटल ग्रांट के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार 20 प्रतिशत यानी 23.98 करोड़ रुपये पूंजी इक्विटी के रूप में योगदान देगी। शेष 47 प्रतिशत यानी 291.35 करोड़ रुपये का ऋण जर्मनी की संस्था केएफडब्ल्यू से प्राप्त किया जाएगा। मंत्री ए के शर्मा ने बताया कि इस ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के तहत, भारत सरकार ने 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिसके तहत यह कार्य पूरा किया जा रहा है।

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