जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो बनाएगी बेस : 75 विमान उड़ाने की योजना, यमुना अथॉरिटी देगी जमीन

UPT | जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो बनाएगी अपना बेस

Jul 08, 2024 17:44

इंडिगो एयरलाइंस जेवर हवाई अड्डे के संचालन के शुरू होते ही अपनी सेवाओं का विस्तार करेगी। प्रथम चरण में 25 विमान उड़ाने की योजना है, जिसके बाद तीन अतिरिक्त चरणों में प्रत्येक में 25-25 विमान और जोड़े जाएंगे...

Noida News : देश की अग्रणी एयरलाइन इंडिगो ने उत्तर प्रदेश के जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अपना नया हब बनाने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। यह खबर न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। उनके अनुसार, इंडिगो एयरलाइंस जेवर हवाई अड्डे के संचालन के शुरू होते ही अपनी सेवाओं का विस्तार करेगी। प्रथम चरण में 25 विमान उड़ाने की योजना है, जिसके बाद तीन अतिरिक्त चरणों में प्रत्येक में 25-25 विमान और जोड़े जाएंगे। इस प्रकार, अगले 6 से 8 महीनों के भीतर इंडिगो के बेड़े में कुल 75 विमान जेवर से संचालित होंगे।

यमुना सिटी के सेक्टर-29 में भूमि का प्रस्ताव दिया 
इस विशाल विस्तार के लिए, इंडिगो को एक व्यापक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी। इसमें एक प्रशिक्षण केंद्र, कौशल विकास सुविधा और एक अत्याधुनिक सिमुलेशन केंद्र शामिल हैं। इन सुविधाओं के निर्माण के लिए, कंपनी ने यमुना प्राधिकरण से भूमि की मांग की है। प्राधिकरण ने इस अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और यमुना सिटी के सेक्टर-29 में भूमि का प्रस्ताव दिया है।

इस सप्ताह के अंत तक अंतिम निर्णय लिया जाएगा
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि इस सप्ताह के अंत तक इस योजना पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमने कंपनी को जमीन देने के लिए लिखित सहमति दे दी है। जल्द ही भूमि आवंटन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।"

25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा 
यह कदम न केवल इंडिगो के लिए एक बड़ा विस्तार है, बल्कि यह भारतीय विमानन क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगा। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली से मात्र 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह परियोजना भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की एक संयुक्त पहल है, जिसमें लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।

इस हवाई अड्डे को पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन किया गया है, जिसमें सौर ऊर्जा का उपयोग और जल संरक्षण जैसे नवीन प्रयास शामिल हैं। पूर्ण विकास के बाद, यह हवाई अड्डा प्रति वर्ष लगभग 7-8 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा। इसके अलावा, यह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से भी जुड़ा होगा, जो इसे यात्रियों के लिए अत्यंत सुगम बनाएगा।

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