ग्रेटर नोएडा में प्रशासन की लापरवाही उजागर : जलभराव और अंधेरे में करना पड़ा अंतिम संस्कार

UPT | गाड़ियों की हेडलाइट्स की रोशनी में हुआ अंतिम संस्कार

Oct 06, 2024 14:09

ग्रेटर नोएडा में विकास के दावों की एक बार फिर खुल गई पोल। कैंसर से पीड़ित प्रेमवती की मृत्यु के बाद उनके परिजनों को सड़कों पर भरे पानी से होकर गुजरते हुए, शवयात्रा को श्मशान तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में विकास के दावों की पोल एक बार फिर खुल गई है। सूरजपुर कस्बे में एक हृदयविदारक घटना ने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। शुक्रवार की रात को एक बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों को जलभराव वाली सड़कों से होकर गुजरना पड़ा और श्मशान में बिजली न होने के कारण गाड़ियों की हेडलाइट्स की रोशनी में अंतिम क्रिया संपन्न करनी पड़ी।

न बिजली, पानी के ऊपर से होकर गुजरी शवयात्रा 
कैंसर से पीड़ित प्रेमवती की मृत्यु के बाद उनके परिजनों ने तत्काल अंतिम संस्कार का निर्णय लिया। लेकिन उन्हें अपने प्रियजन की अंतिम यात्रा के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सड़कों पर भरे पानी से होकर गुजरते हुए, शवयात्रा को श्मशान तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। श्मशान पहुंचने पर भी समस्याओं का अंत नहीं हुआ, क्योंकि वहां बिजली की व्यवस्था न होने के कारण अंधेरा छाया हुआ था।

श्मशान तक पहुंचना एक चुनौती 
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कोई नई समस्या नहीं है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी श्मशान में बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, पानी और बैठने की व्यवस्था के लिए प्राधिकरण के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सूरजपुर कस्बे की आबादी एक लाख से अधिक है और आसपास के कई गांवों के लोग भी इसी श्मशान का उपयोग करते हैं। कस्बे से श्मशान की दूरी लगभग पांच किलोमीटर है, और खराब सड़कों के कारण वहां तक पहुंचना एक चुनौती बन जाता है।

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20 बार प्राधिकरण और जिलाधिकारी  शिकायत 
स्थानीय निवासी धर्मपाल और देव ने बताया कि वे सड़कों की मरम्मत और श्मशान में बिजली की व्यवस्था के लिए 20 से अधिक बार प्राधिकरण और जिलाधिकारी को शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने तीन बार समाधान दिवस में भी अपनी समस्या रखी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लोग जलभराव और अंधेरे के बीच अंतिम संस्कार करते दिख रहे हैं। इस वीडियो ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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प्राधिकरण को पत्र सौंपेंगे 
स्थानीय निवासी मदन शर्मा ने कहा कि हालांकि दिन में अंतिम संस्कार करना उचित माना जाता है, लेकिन कई बार परिस्थितियों के कारण रात में भी अंतिम संस्कार करना पड़ता है। प्राधिकरण को इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। लोगों ने अब एक बार फिर प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार के नाम सोमवार को शिकायती पत्र सौंपने का निर्णय लिया है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उनकी आवाज सुनी जाएगी और श्मशान में आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

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