नोएडा में बनेगा 50 मेगावाट डेटा पार्क : अडानी ग्रुप को 10 एकड़ जमीन आवंटित, प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में हुआ फैसला

UPT | अडानी

Aug 27, 2024 15:54

नोएडा प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अडानी समूह को सेक्टर 80 में 10 एकड़ जमीन के उप-पट्टे की मंजूरी दे दी है। यह भूमि 50 मेगावाट के हाइपरस्केल डेटा पार्क के विकास के लिए आवंटित की गई है...

Short Highlights
  • अडानी समूह को 10 एकड़ जमीन के उप-पट्टे की मंजूरी
  • 50 मेगावाट के हाइपरस्केल डेटा पार्क के विकास के लिए आवंटित
  • यह नोएडा में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी
Noida News : नोएडा में अडानी ग्रुप को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। नोएडा प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अडानी समूह को सेक्टर 80 में 10 एकड़ जमीन के उप-पट्टे की मंजूरी दे दी है। यह भूमि 50 मेगावाट के हाइपरस्केल डेटा पार्क के विकास के लिए आवंटित की गई है। यह परियोजना अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और एजकॉनेक्स के संयुक्त उद्यम, अडानीकॉनेक्स द्वारा स्थापित एक विशेष प्रयोजन वाहन, नोएडा डेटा सेंटर लिमिटेड के माध्यम से विकसित की जाएगी।

70 करोड़ रुपये में मिली थी जमीन
दरअसल, 12 अप्रैल, 2021 को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को 70 करोड़ रुपये में यह जमीन दी गई थी, जिस पर उन्हें छह साल के भीतर डेटा सेंटर स्थापित करना था। इस साल 7 मार्च को, कंपनी ने प्राधिकरण से भूमि को उप-पट्टे पर देने की अनुमति मांगी, जिसे शुरुआत में अस्वीकार कर दिया गया था। हालांकि, राज्य सरकार के हस्तक्षेप और संशोधित डेटा सेंटर नीति के कारण स्थिति में बदलाव आया।



प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मिली मंजूरी
जानकारी के अनुसार, प्राधिकरण की एक समिति ने शुरुआत में इस आवेदन के खिलाफ सिफारिश की थी। लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज ने अपनी याचिका को आगे बढ़ाया और इस बार औद्योगिक विकास विभाग तक पहुंचा। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने इस मामले में डेटा सेंटर नीति को प्राथमिकता देने की सिफारिश की। यह भी ध्यान देने योग्य है कि अडानी एंटरप्राइजेज को पहले भी सेक्टर 62 में एक आईटी/आईटीईएस परियोजना के लिए संस्थागत भूखंड के उप-पट्टे की अनुमति दी गई थी। पिछले महीने प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के बाद मंजूरी दे दी गई। यह निर्णय दिसंबर 2022 में संशोधित डेटा सेंटर नीति के अनुरूप लिया गया है।

कई मामलों में महत्वपूर्ण है योजना
बता दें कि इस परियोजना का महत्व कई स्तरों पर है। यह न केवल नोएडा में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। साथ ही, यह भारत के डेटा सेंटर हब बनने के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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