Ghaziabad News : नहीं सुधरी गाजियाबाद में हवा की सेहत, अभी ऑनलाइन कक्षा संचालन के निर्देश

UPT | Today Ghaziabad weather

Nov 25, 2024 11:33

एक पखवाड़े की तुलना में हालांकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कुछ कम हुआ है। लेकिन अभी भी 320 के स्तर पर होने के कारण खराब श्रेणी में ही माना जाएगा। 

Short Highlights
  • बीएसए और डीआईओएस ने जारी किए सभी स्कूलों को आदेश 
  • आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ होगी कार्यवाही
  • गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी खराब श्रेणी में ही बना हुआ  
Ghaziabad News : गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी खराब श्रेणी में ही बना हुआ है। पिछले एक पखवाड़े की तुलना में हालांकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कुछ कम हुआ है। लेकिन अभी भी 320 के स्तर पर होने के कारण खराब श्रेणी में ही माना जाएगा। 

ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के आदेश
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर स्कूलों को बंद रखने और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के आदेश जारी किए हैं। जब तक प्रदूषण का स्तर कम नहीं होगा तब तक स्कूल बंद ही रहेंगे। आज सोमवार को भी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। दिल्ली के प्रदूषण स्तर में कमी आने के बाद ही स्कूलों को खोला जाएगा।

स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी
इस संबंध में डीआईओएस और बीएसए ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। 18 नवंबर को जिले का एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था। इसके बाद डीएम ने आदेश जारी कर स्कूलों को ऑनलाइन चलाने का आदेश जारी किया था। एक्यूआई कुछ कम होने पर माना जा रहा था कि स्कूल खुलेंगे लेकिन डीएम ने अभी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की ही बात कही है।

लोनी में वायु गुणवत्ता की स्थिति सबसे खराब 
लोनी में पिछले 10 दिन से एक्यूआई गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। लोनी में सुबह देर तक आसमान में स्मॉग की चादर छाई रही। यहां एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में 34 दर्ज किया गया। स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। सबसे ज्यादा बच्चे, बुजुर्ग और सांस के मरीजों को दिक्कत हो रही है। लोनी की सीएचसी में रोजाना 10-15 सांस के मरीज आ रहे हैं। वहीं, पीएम 2.5 का स्तर 300 और पीएम 10 का स्तर 303 दर्ज किया गया। हवा में एनओ- 2 का स्तर 85 और एसओ- 213 दर्ज किया गया।

सांस और गले में खराब के मरीज
वायु प्रदूषण के कारण अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज सांस, गले में खराश और खांसी के पहुंच रहे हैं। फिजिशियन डाॅ. ओपी अग्रवाल ने बताया कि पीएम 2.5 के कण नाक और मुंह के रास्ते सीधे फेफड़ों में जा रहे हैं। इससे लोगों को दिक्कत हो रही है। वायु प्रदूषण की वजह से दमा रोगियों की दवाओं की डोज बढ़ गई है। वायु प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क लगाकर बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है। सुबह की बजाय दोपहर या शाम को सैर करने की सलाह दी जा रही है।
 

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