Noida News : नोएडा का चर्चित निठारी हत्याकांड मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले की होगी समीक्षा

UPT | निठारी हत्याकांड का दोषी सुरेंद्र कोली

Jul 08, 2024 15:28

भारत के सबसे चर्चित और विवादास्पद अपराध मामलों में से एक, नोएडा का निठारी हत्याकांड, एक बार फिर से न्यायिक प्रक्रिया के केंद्र में आ गया है। इस बार, यह मामला देश की सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, जहां इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए पूर्व निर्णय की समीक्षा की जाएगी।

Short Highlights
  • सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के फैसले पर SC का फैसला
  • हाईकोर्ट द्वारा उस सज़ा को पलटना भयावह
Noida News :  नोएडा का चर्चित निठारी हत्याकांड का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले का परीक्षण करने के लिए सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में नोएडा के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। इस मामले में जस्टिस बीआर गवई, सतीश चंद्र शर्मा और संदीप मेहता की पीठ ने एक पीड़ित के पिता पप्पू लाल की ओर से दायर अपील पर नोटिस जारी किया।

सुरेंद्र कोली की बढ़ी चिंता 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के निठारी कांड में दोषी माने गए सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर बरी कर दिया था। लेकिन इस बड़े फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा परीक्षण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार और सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है, जिससे आरोपी सुरेंद्र कोली की चिंता बढ़ गई है।

तुषार मेहता ने बताया उसे सीरियल किलर 
निठारी हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। आज भी इसका नाम सुनकर लोगों की रूह कांप जाती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से सबूतों के अभाव में 2023 में निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी सीरियल किलर सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया गया था। लेकिन, राज्य सरकार और सीबीआई की ओर से एसजी तुषार मेहता ने उसे एक सीरियल किलर बताया है। वह छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता था और फिर उनकी हत्या कर देता था। इस जघन्य अपराध के लिए निचली अदालत ने उसे मौत की सज़ा सुनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट का उस सज़ा को पलटने का फ़ैसला चौंकाने वाला है।
 
ये था पूरा मामला
दरअसल, साल 2006 में, नोएडा के निठारी गांव में स्थित पंढेर के डी-5 बंगले और उसके आसपास कई मानव अवशेषों की खोज के बाद नोएडा पुलिस ने दोनों आरोपियों सुरिंदर कोली और कोली के सहयोगी मोनिंदर सिंह पंढेर को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों पर हत्या के कई मामलों का आरोप लगाया गया था। इस खबर के बाद अगले ही दिन, एक बेतहाशा अफवाह फैल गई कि दोनों ने शवों के अवशेषों को प्रेशर कुकर में पकाया और उन्हें खा लिया।

ये था हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर को कोली और पंढेर द्वारा दायर कई अपीलों पर फैसले सुनाए, जिन्हें निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सबूतों के अभाव में पंढेर और कोली को बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने जांच के तरीके पर सवाल उठाते हुए हत्याओं के पीछे अंग व्यापार की वास्तविक वजह होने की प्रबल संभावना को 'पूरी तरह से नजरअंदाज' करने के लिए CBI की खिंचाई की।

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