नोएडा किसान आंदोलन : राकेश टिकैत ने दी चेतावनी, कहा- गिरफ्तार किसानों की रिहाई के बिना नहीं होगी बातचीत

UPT | ‘यूपी की बात’ में किसान नेता राकेश टिकैत

Dec 03, 2024 21:38

गौतमबुद्ध नगर में किसानों की गिरफ्तारी के बाद आंदोलन तेज हो गया है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई है।

Noida News : गौतमबुद्ध नगर में किसानों की गिरफ्तारी के बाद आंदोलन तेज हो गया है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम ‘यूपी की बात’ में आंदोलन से जुड़ी अपनी रणनीति साझा की। टिकैत ने कहा कि नोएडा के किसानों को जेल भेजना सरकार की बड़ी भूल है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक गिरफ्तार किसानों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।

जीरो पाइंट पर होगी पंचायत
राकेश टिकैत ने कहा कि बुधवार को सभी किसान जीरो पाइंट पहुंचेंगे, जो उनका पंचायत स्थल है। यदि किसानों की रिहाई नहीं होती और उनकी मांगों को अनदेखा किया जाता है, तो यह स्थल धरना स्थल में बदल जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान पूरी तैयारी के साथ आएंगे, जिसमें खाने-पीने से लेकर कपड़े-लत्ते तक का इंतजाम शामिल होगा। टिकैत ने कहा कि इस पंचायत को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसानों ने बैठकें की हैं। सभी जिलों से किसान बुधवार को जीरो पाइंट पर एकत्र होंगे।

पुलिस के लिए बनाई रणनीति
पुलिस द्वारा रोके जाने की स्थिति में टिकैत ने साफ कहा कि किसानों ने इसका भी समाधान तैयार कर लिया है। यदि पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश करती है, तो किसान नजदीकी थाने पहुंचकर वहीं धरना देंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन को लेकर किसानों की रणनीति पूरी तरह तैयार है।



आंदोलन जारी रखने का संकल्प
राकेश टिकैत ने आंदोलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि किसानों ने 13 महीने तक धरना देकर संघर्ष का अनुभव हासिल किया है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई बीच में नहीं छोड़ी जाएगी। रास्ता जाम करने के बजाय किसान प्रशासन और पुलिस के सामने अपनी बात रखेंगे। यदि जिला प्रशासन रोकेगा, तो किसान उनके कार्यालयों के बाहर धरना देंगे।

किसानों के साथ बैठकें जारी
किसान आंदोलन को लेकर टिकैत ने सरकार और प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया है कि किसानों की मांगें पूरी होने तक यह आंदोलन थमेगा नहीं। बुधवार की पंचायत का आयोजन किसानों की एकजुटता और उनके अधिकारों की मांग को लेकर महत्वपूर्ण साबित होगा।

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