बदलते मौसम में सावधान ! सांस फूले और थकान लगे तो भी हो सकता हार्ट अटैक, तुरंत कराएं हृदय की जांच

UPT | LLRM Meerut

Dec 04, 2024 09:23

हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण डायबिटीज के रोगियों के न्यूरो ट्रांसमीटर खराब हो जाते हैं। इससे मैसेजिंग सिस्टम बिगड़ जाता है। हार्ट अटैक के लक्षण आने पर दर्द का मैसेज न्यूरो ट्रांसमीटर की खराबी के कारण मस्तिष्क तक नहीं पहुंचता

Short Highlights
  • मौसम में बदलाव से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले
  • सीने में दर्द के बिना भी युवाओं को आ रहा अटैक
  • मेडिकल के कार्डियोलॉजी में रोज आ रहे 10 से अधिक केस 
UP Health News : बदलते मौसम में थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। सांस फूलने और थकान पर भी युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सकों ने सलाह दी है कि वो तुरंत हृदय की जांच कराए। ऐसे लक्षणों में लापरवाही घातक हो सकती है। 

डायबिटिक के मरीजों की संख्या अधिक
मेरठ मेडिकल कालेज के कार्डियोलॉजी विभाग में हर रोज दस से अधिक ऐसे मामले पहुंच रहे हैं। इनमें डायबिटिक के मरीजों की संख्या अधिक है। जिनको सांस फूले, थकान लगने और सीने में न हो दर्द तो भी हार्ट अटैक के लक्षण ​मिल रहे हैं। ठंड के शुरुआती दिनों में 40 फीसदी रोगी बढ़े हैं। 

हार्ट अटैक के लक्षण सामान्य हृदय रोगियों से अलग
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजीव खरे के अनुसार डायबिटीज के रोगियों में हार्ट अटैक के लक्षण सामान्य हृदय रोगियों से अलग होते हैं। खास है कि उनको सीने में तेज दर्द नहीं होता, बल्कि अस्थमा अटैक जैसे लक्षण मिलते हैं। बेतहाशा सांस फूलती है, बहुत ज्यादा थकान लगती है और पसीना आता है।

मरीजों की संख्या 40 फीसदी तक बढ़ी
ठंड के शुरुआती मौसम में इस तरह के मरीजों की संख्या 40 फीसदी तक बढ़ी है। इसमें डायबिटीज के युवा, अधेड़ और वृद्ध रोगी शामिल रहे हैं। मेडिकल कालेज की कार्डियोलॉजी इमरजेंसी और ओप़ीडी में डायबिटीज के अधिकांश रोगी बहुत अधिक थकान लगने और सांस फूलने के लक्षण लेकर पहुंच रहे हैं।

80 फीसदी रोगी ये लक्षण उभरने पर पहले निजी डॉक्टरों के पास
इनमें 80 फीसदी रोगी ये लक्षण उभरने पर पहले निजी डॉक्टरों के पास सांस की दवा लेने गए। जहां पर जांच के बाद उनको कार्डियोलॉजी में जांच कराने की सलाह दी गई। अधिकांश रोगी मानते थे कि हार्ट अटैक की स्थिति आने पर पहले सीने में तेज दर्द होता है। जब कार्डियोलॉजी में जांच कराई गई तो हार्ट अटैक की पुष्टि हुई है। इनमें 10 फीसदी रोगियों ने सीने में हल्का दर्द बताया जिसे उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया।

सामान्य से अलग तरह के लक्षण
डायबिटिक हृदय रोगियों के मामलों के बारे में डॉक्टर संजीव खरे ने बताया कि डायबिटीज के अधिकांश रोगियों की मौत का कारण हाईब्लड शुगर नहीं हार्ट अटैक होता है। इन रोगियों को हार्ट अटैक आने पर सामान्य से अलग तरह के लक्षण उभरते हैं। इनका जानना रोगियों को जरूरी है।

लक्षणों में फर्क होने पर रोगी भटक जाता है
लक्षणों में फर्क होने पर रोगी भटक जाता है। वह पहले दूसरी जगह इलाज के लिए जाता है और हृदय रोग विशेषज्ञ के पास देर में आता है। इसी चक्कर में बहुत से रोगी अस्पताल तक पहुंच नहीं पाते। उन्होंने बताया कि जाड़े की शुरुआत में रोगियों की संख्या 40 फीसदी बढ़ जाती है और गर्मी की शुरुआत में 30 फीसदी घट जाती है। ठंड होने पर डायबिटीज रोगी की नसें सिकुड़ती हैं। इनकी अंदरूनी पर्त में खराबी आ जाती है। इससे जल्दी खून का थक्का जम जाता है।

इस कारण नहीं होता सीने में दर्द
हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण डायबिटीज के रोगियों के न्यूरो ट्रांसमीटर खराब हो जाते हैं। इससे मैसेजिंग सिस्टम बिगड़ जाता है। हार्ट अटैक के लक्षण आने पर दर्द का मैसेज न्यूरो ट्रांसमीटर की खराबी के कारण मस्तिष्क तक नहीं पहुंचता है। इससे दर्द के संबंध में मस्तिष्क अलर्ट जारी नहीं करता और रोगी को दर्द का पता नहीं चलता।
 

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