नोएडा निवासी की सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका : इजराइल को सैन्य उपकरण निर्यात पर रोक की मांग

UPT | सुप्रीम कोर्ट

Sep 04, 2024 19:04

नोएडा के निवासी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग सहित कंपनियों द्वारा इजरायल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है।

Short Highlights
  • इजराइल को सैन्य उपकरण निर्यात पर रोक की मांग
  • केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को बनाया पार्टी
Noida News : नोएडा के अशोक कुमार शर्मा सहित 11 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें केंद्र सरकार को इजराइल को हथियार और सैन्य उपकरणों के निर्यात पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सहित कंपनियों द्वारा इजराइल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत के दायित्वों का उल्लंघन है।

इजराइल को सैन्य उपकरण निर्यात पर रोक की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग सहित कंपनियों द्वारा इजरायल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत भारत के दायित्वों की अनदेखी भी है। याचिका में इजराइल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात करने वाली भारतीय फर्मों को लाइसेंस रद्द करने और नए लाइसेंस न देने का निर्देश देने की मांग भी की गई है।

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को बनाया पार्टी
वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को पार्टी बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों से बंधा हुआ है, जो भारत को युद्ध के दोषी देशों को सैन्य हथियार न देने के लिए बाध्य करते हैं। याचिका में पूछा गया है कि क्योंकि किसी भी निर्यात का उपयोग मानवीय कानून के गंभीर उल्लंघन में किया जा सकता है, इसलिए सरकार इजराइल को सैन्य हथियार क्यों दे रही है।

नए लाइसेंस पर भी रोक लगाने की मांग 
जनहित याचिका में कहा गया कि देश का रक्षा मंत्रालय और केंद्र सरकार अपने विभिन्न अंगों के माध्यम से किसी भी मौजूदा लाइसेंस को रद्द करने और इजरायल को हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों के निर्यात के लिए भारत में विभिन्न कंपनियों को नए लाइसेंस/अनुमति देने पर रोक लगाने के लिए निर्देश जारी करें। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने 26 जनवरी, 2024 के अपने हालिया फैसले में नरसंहार के अपराध की रोकथाम और दंड पर कन्वेंशन के तहत दायित्वों के गाजा पट्टी में उल्लंघन के लिए इजरायल के खिलाफ अनंतिम उपाय करने का आदेश दिया था।

नरसंहार की जताई थी आशंका 
इन उपायों में इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी लोगों पर किए जा रहे सभी हत्याओं और विनाश को तत्काल सैन्य रूप से रोकना शामिल है। इस फैसले के आलोक में संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने इजरायल को हथियार और सैन्य गोला-बारूद के हस्तांतरण के खिलाफ चेतावनी देते हुए एक बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि इससे मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन हो सकता है और अंतरराष्ट्रीय अपराधों में राज्य की मिलीभगत का जोखिम पैदा कर सकता है, जिसमें संभावित नरसंहार भी शामिल है। 

1200 लोगों की एक ही दिन में हत्या 
गाजा पर इजरायल के युद्ध में हजारों फिलिस्तीनियों की हत्या हुई है। इससे पहले एक हमले में हमास के बंदूकधारियों ने 7 अक्टूबर 2023 की सुबह गाजा की सीमा पार करके इजरायल में धावा बोला और लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से इजरायल का रुख आक्रामक है। उसने हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है।

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