गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव : योगी के 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे से गोलबंद हुआ गाजियाबाद का मतदाता

UPT | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

Nov 24, 2024 09:08

विपक्ष के हमलों को नजर अंदाज करते हुए योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में उपचुनाव प्रचार के दौरान अपने नारे को और अधिक मजबूती से रखा और कहा- 'बंटिए मत, जब भी बटे थे तो कटे थे, एक हैं तो नेक हैं

Short Highlights
  • नहीं चला अखिलेश यादव का जुड़ेंगे तो जीतेंगे का जादू
  • उपचुनाव के अखाड़े में सबसे पहला नारा योगी ने दिया
  • पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को नहीं जोड़ पाई सपा 
Ghaziabad by-election Result : 'बटेंगे तो कटेंगे या जुडेंगे तो जीतेंगे'। गाजियाबाद की जनता ने इन दोनों नारों में एक को चुना। जिस नारे के नीचे गोलबंद हुआ गाजियाबाद का मतदाता वो योगी आदित्यनाथ का बटेंगे तो कटेंगे रहा। उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया कि वोटरों के बीच योगी का नारा चला ना कि अखिलेश यादव का। 

फायरब्रांड नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
गाजियाबाद के वोटर भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे' के नारे तले गोलबंद हुए। जबकि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का नारा 'जुड़ेेगे तो जीतेंगे' मतदाताओं को एकजुट करने में कामयाब नहीं रहा।  

योगी का 'बटेंगे तो कटेंगे' नारा तो...
योगी का 'बटेंगे तो कटेंगे' नारा तो दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनावों में गूंजा। चुनावी अखाड़े में सबसे पहला नारा सीएम योगी ने दिया। जब उन्होंने 'बटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो नेक रहेंगे कहा। उनके आक्रामक प्रचार ने विपक्ष को इसकी काट का नारा सोचने और खोजने पर लिए मजबूर कर दिया। इसके बाद अखिलेश यादव की पार्टी सपा 'जुडेंगे तो जीतेंगे' वाले पोस्टरों के साथ चुनावी जंग में कूद पड़ी।

समाजवादी पार्टी ने 'जुडेंगे तो जीतेंगे' के साथ पीडीए को भी जोड़कर रखा
समाजवादी पार्टी ने 'जुडेंगे तो जीतेंगे' के साथ पीडीए को भी जोड़कर रखा। जिसका राजनीतिक मतलब पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की एकजुटता रहा। लोकसभा के चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी पीडीए समीकरण के बल पर यूपी में सबसे अधिक सीट जीत पाने में कामयाब हुई थी।

भाजपा का नारा नकारात्मकता फैलाता है
अखिलेश यादव ने अपने भाषण में कहा भी कि भाजपा का नारा नकारात्मकता फैलाता है यह नारा काम नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि योगी का ये नारा अंग्रेजों के बांटों और राज करो की तरह का विभाजनकारी नारा है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी भले ही प्रचार से दूर रहे। लेकिन पार्टी एक नारा लेकर सामने आई। बीएसपी ने 'बसपा से जुडेंगे तो आगे बढ़ेंगे आर सुरक्षित रहेंगे' का नारा दिया। हालांकि ये नारा पूरी तरह से गाजियाबाद में बेअसर रहा और हाथी तीसरे नंबर पर पहुंच गया। 

विपक्ष के हमलों को नजर अंदाज
विपक्ष के हमलों को नजर अंदाज करते हुए योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में उपचुनाव प्रचार के दौरान अपने नारे को और अधिक मजबूती से रखा और कहा— 'बंटिए मत, जब भी बटे थे तो कटे थे, एक हैं तो नेक हैं'। भाजपा के लिए उपचुनाव के नतीजे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का मौका है। इसके ​लिए योगी ने खुद मोर्चा संभाला और चुनाव के ऐलान से पहले ही गाजियाबाद में तीन मंत्रियों की डयूटी लगा दी। योगी का मकसद ज्यादा से ज्यादा वोटों से गाजियाबाद सीट पर जीत दर्ज करना था। भाजपा ने अपनी परंपरागत सीटा को फिर से वापस पा लिया है और उनका करिश्मा कमजोर नहीं हुआ है।
 

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