Mirzapur News : ब्लास्टिंग की धमक से सहमे ग्रामीणों ने की क्रेशर बंद करने की मांग, सैकड़ों लोगों ने किया आंदोलन

UPT | ग्रामीणों ने की क्रेशर बंद करने की मांग

Jul 25, 2024 02:26

जनपद के मड़िहान विकासखण्ड के ग्राम सभा धनावल में स्थित क्रेशर प्लांट के अवैध ब्लास्टिंग के चलते ग्रामीणों में दहशत माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने मोहन ब्रम्ह मंदिर के पास प्रदर्शन करते...

 Mirzapur News : जनपद के मड़िहान विकासखण्ड के ग्राम सभा धनावल में स्थित क्रेशर प्लांट के अवैध ब्लास्टिंग के चलते ग्रामीणों में दहशत माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने मोहन ब्रम्ह मंदिर के पास प्रदर्शन करते हुए पत्रकारों से बताया कि हम सभी लोग ग्राम धनावल के केशर प्लांट के अवैध ब्लास्टिंग के चलते नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। ग्रामीणों ने क्रेशर प्लांट पर मनमानी तरीके से रात के अंधेरे में हो रही ब्लास्टिंग का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर आक्रोश जताया।

कभी भी कोई भी दुर्घटना घट सकती है
बेलहरा गांव की महिलाओं ने बताया कि ज्यादातर घरों में अवैध ब्लास्टिंग से मकानों, घरों में दरारे आ जा रही है। प्राथमिक विद्यालय भवन में जर्जर हो गये हैं। जिससे कभी भी कोई भी दुर्घटना घट सकती है। क्रेशर प्लांट द्वारा पहाड़ों को खोदकर बड़े-बड़े गड्ढों तलाबों में तब्दील कर दिया गया है। अत्यधिक प्रदूषण धूल के चलते कई प्रकार की बीमारियां फैल रही है, बच्चे कुपोषित हो रहे हैं। जल का स्तर धीरे धीरे खत्म हो जा रहा है। रात के अंधेरे में अत्यधिक ब्लास्टिंग से बच्चे डर जा रहे हैं। अवैध ब्लास्टिंग व खनन के चलते कई बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। व कई लोग सांस की बीमारी से ग्रसित हैं। ब्लास्टिंग के चलते उड़ने वाले पत्थरों से गांव के कई लोग घायल हो गए हैं, वन क्षेत्र में रहने वाले सभी जीव जंतु गांव में पलायन कर रहे है।

पीड़ित लोगों को न्याय नहीं मिल रहा
विंध्य सार्थक ग्रीन सिटी के मालिक अरुण दुबे ने बताया कि क्रेशर प्लांट के द्वारा मानक यह है कि खनन से हुए गड्ढे को घेर कर सुरक्षित किया जाना चाहिए। इसके चलते ग्रामवासी पीड़ित व प्रताड़ित हैं। शासन के समक्ष कई बार मुद्दा उठाने के बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की गयी। पीड़ित लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है, इसके चलते लोग गांव में पलायन करने को मजबूर हैं।

ये लोग रहे मौजूद
जिसमें मोहन बरम धाम के पुजारी आशीष द्विवेदी, उमाचरन दुबे, रविन्द्र दुबे उर्फ मुन्ना, महेंद्र दुबे, तालकेश्वर दुबे, परमेश्वर दुबे, अश्विनी दुबे निराला दुबे, प्रिंस दुबे अन्य सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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