Mirzapur News : भूमि विकास गृह परियोजना के जमीन अधिग्रहण पर भड़के किसान, जानें पूरा मामला

UPT | किसानों ने किया प्रदर्शन

Jan 03, 2025 17:42

मिर्जापुर में सदर तहसील के धौरुपुर, राजपुर और भरुहना गांवों में जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसान एकजुट होने लगे हैं। इस मुद्दे को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया...

Mirzapur News : मिर्जापुर में सदर तहसील के धौरुपुर, राजपुर और भरुहना गांवों में जमीन अधिग्रहण के विरोध में किसान एकजुट होने लगे हैं। इस मुद्दे को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष ने सरकार पर किसानों की जमीन छीनकर इसे अमीरों के हित में देने का आरोप लगाया। किसान यूनियन नेता सिद्ध नाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि किसानों की संपत्ति किसी भी हाल में सरकार को हड़पने नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण की कोशिश की तो किसान आंदोलन को और तेज करेंगे।

किसानों ने जिलाधिकारी को सौंपा पत्र
किसानों ने जिलाधिकारी को संबोधित एक पत्रक सौंपकर मांग की है कि भूमि विकास और गृह स्थान परियोजना के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण बंद किया जाए। पत्र में कहा गया कि नगर से सटे ग्राम धौरुपुर, राजपुर और भरुहना में लोग कृषि कार्य करते हैं और घनी आबादी के कारण उनकी भूमि उनके परिवारों की आजीविका का स्रोत है। किसान यूनियन ने बताया कि 2004 में अधिकारियों और आवास विकास प्राधिकरण ने किसानों को नोटिस भेजा था, जिसके बाद किसानों ने जमीन देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद 2013 में एक बार फिर बैठक हुई, लेकिन किसानों ने अपनी जमीन देने से फिर मना कर दिया।



मुआवजे के संदर्भ में किसानों को नोटिस जारी
अब, 2024 में विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी वाराणसी द्वारा मुआवजे के संदर्भ में किसानों को नोटिस जारी किया गया है। किसान इस नोटिस को लेकर काफी परेशान और दुखी हैं, क्योंकि 20 साल बाद मुआवजे की प्रक्रिया के तहत जबरदस्ती नोटिस भेजना गलत है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि किसानों के अधिकारों का उल्लंघन भी है।

काफी जमीनों पर बने रिहायशी मकान
किसानों ने यह भी बताया कि काफी जमीनों पर रिहायशी मकान बन चुके हैं। शेष भूमि पर किसान अपना खेती- बाड़ी करके परिवार का भरण पोषण करता है। उसके पास और कोई भी जिविकोपार्जन के संसाधन नही है। किसानों के मर्जी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण करना किसानों के साथ न्याय संगत नही होगा। इसी के साथ धान क्रय केंद्रो पर चल रही धांधली और खाद की समस्या को दूर किए जाने की मांग की गई है।

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