छत्तीसगढ़ में पत्रकार की हत्या पर जताया रोष : मिर्जापुर के कलेक्ट्रेट परिसर में साथियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

UPT | कलेक्ट्रेट परिसर में जिले के पत्रकारों ने छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी।

Jan 04, 2025 18:37

कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों ने शोक सभा कर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार की हत्या पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने घटना को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताते हुए सरकार की विफलता की निंदा की और पत्रकार सुरक्षा अधिनियम की मांग की।

Mirzapur News : कलेक्ट्रेट परिसर में जिले के पत्रकारों ने शोक सभा आयोजित कर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की जघन्य हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया। शोक सभा में मौजूद पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर किया गया हमला बताया।



पत्रकार सुरक्षा अधिनियम की मांग
शोक सभा के दौरान पत्रकारों ने कहा कि यह घटना न केवल छत्तीसगढ़ सरकार की विफलता है, बल्कि केंद्र सरकार के लिए भी शर्मनाक है। पत्रकारों ने कहा कि पत्रकार तो समाज का दर्पण होता है, जो समाज की सच्चाई को उजागर करता है, लेकिन जब सच्चाई दिखाने की सजा हत्या के रूप में मिले, तो यह पूरे लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय से पत्रकार सुरक्षा अधिनियम की मांग हो रही है, लेकिन आज तक किसी भी राज्य या केंद्र सरकार ने इसे लागू नहीं किया। यह विफलता लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को असुरक्षित बनाती है।

मुकेश चंद्राकर की हत्या पर सवाल
पत्रकारों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने में सरकार पूरी तरह असमर्थ साबित हुई है। हत्या के बाद भी पुलिस अब तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं लगा पाई है, जिससे मामला संदिग्ध प्रतीत होता है।

जघन्य हत्या पर वक्ताओं का आक्रोश
प्रभात मिश्रा ने कहा, "यह हत्या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर किया गया एक सीधा हमला है, जिसे लोकतंत्र प्रेमी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार को न केवल इस मामले में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि मृतक पत्रकार के परिवार को आर्थिक सहायता और सुरक्षा भी प्रदान करनी चाहिए।"

संजय दुबे ने कहा, "मुकेश चंद्राकर ने 120 करोड़ की लागत से बन रही सड़क निर्माण में मानकों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। यही कारण उनकी हत्या का मुख्य कारण बना।" उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने मुकेश की हत्या कर उसके शव को सेफ्टी टैंक में छिपा दिया था ताकि सच सामने न आ सके। लेकिन इस घटना ने साबित कर दिया कि पाप छिप नहीं सकता।

सरकार और प्रशासन पर सवाल
पत्रकारों ने कहा कि यह घटना छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस प्रशासन की विफलता को उजागर करती है। सरकार पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ साबित हो रही है। उन्होंने मांग की कि हत्या के आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। मृतक पत्रकार के परिवार को आर्थिक सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाए। सरकार भ्रष्टाचार और ठेकेदारों की मनमानी पर कठोर कदम उठाए। पत्रकार सुरक्षा अधिनियम को शीघ्र लागू किया जाए।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील
संजय दुबे ने कहा, "भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले पत्रकार निर्भीक होकर अपने दायित्व निभा सकें, इसके लिए सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह लोकतंत्र के लिए घातक होगा।"

श्रद्धांजलि और शोक संवेदनाएं
शोक सभा के दौरान पत्रकारों ने दिवंगत मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने एकजुट होकर कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। पत्रकारों ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कभी डर के आगे नहीं झुकेगा और समाज की सच्चाई उजागर करता रहेगा, चाहे इसके लिए कितनी भी चुनौतियों का सामना करना पड़े। 

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