मुरादाबाद के रेस्टोरेंट में लगी भीषण आग : गंगा भोजनालय में 5 लाख का सामान जलकर राख

UPT | रेस्टोरेंट में रखा लाखों का सामान पूरी तरह जलकर राख

Oct 15, 2024 16:23

मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित गंगा भोजनालय में देर रात अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। लाखों का सामान जलकर राख हो गया। प्रथम दृष्टया इसका कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।

Moradabad News : मुरादाबाद में सिविल लाइन थाने के ठीक सामने गंगा भोजनालय में सोमवार देर रात अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। रेस्टोरेंट से लपटें निकलती देख थाना पुलिस ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। रेस्टोरेंट में रखा लाखों का सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया। फायर ब्रिगेड की टीम आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है।

पांच लाख रुपये का सामान जलकर राख
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के चक्कर की मिलक निवासी रूपकिशोर और यशपाल पिछले 20 वर्षों से थाने के सामने गंगा भोजनालय चला रहे हैं। रोजाना की तरह वे करीब 12 बजे भोजनालय बंद कर अपने घर चले गए। करीब तीन बजे थाना पुलिस ने भोजनालय से हवा में कुछ ऊपर निकलता देखा, जिसके बाद हड़कंप मच गया। पुलिस ने तुरंत भोजनालय मालिक और फायर ब्रिगेड की टीम को आग लगने की सूचना दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब एक घंटे में आग पर काबू पा लिया। भोजनालय में रखा करीब पांच लाख रुपये का सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया। 


कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया
दमकल अधिकारी का कहना है कि अभी कारण का पता लगाया जा रहा है कि रेस्टोरेंट में आग किस कारण से लगी। आग को पूरी तरह से बुझा दिया गया है। प्रथम दृष्टया इसका कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। जानकारी में रेस्टोरेंट मालिक रूप किशोर का कहना है कि वह और उसका भाई छोटा यशपाल पिछले 20 वर्षों से रेस्टोरेंट चला रहे हैं। फिर हर दिन की तरह सोमवार की रात 12:00 बजे दोनों भाई रेस्टोरेंट बंद करके अपने घर चले गए। सुबह 3:00 बजे पुलिस ने सूचना दी कि रेस्टोरेंट में आग लग गई है। हम दोनों भाइयों ने रेस्टोरेंट पहुंचकर देखा तो रेस्टोरेंट से ऊंची-ऊंची लपटें निकल रही थीं जिसके बाद दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद उस पर काबू पाया। पीड़ित रूप किशोर का कहना है कि हम लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। घर का खर्च चलाने का जरिया हमारा रेस्टोरेंट ही था। अब हमें इस बात की चिंता सता रही है कि हम अपने बच्चों का पालन पोषण कैसे करेंगे।

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