बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन : धार्मिक असहिष्णुता बढ़ने पर गहरी नाराजगी जाहिर की, हिंदू रक्षा संघर्ष समिति ने दिया धरना   

UPT | रामपुर के अंबेडकर पार्क में प्रदर्शन करते हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के सदस्य व अन्य।

Dec 08, 2024 17:57

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों के खिलाफ रामपुर के अंबेडकर पार्क में हिंदू रक्षा संघर्ष समिति ने धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपकर हिंसा रोकने और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कदम उठाने की मांग की।

Rampur News : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में रामपुर के अंबेडकर पार्क में हिंदू रक्षा संघर्ष समिति ने एक विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा, मंदिरों के विध्वंस, और धार्मिक असहिष्णुता को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कदम उठाने की मांग की।



धरने का उद्देश्य और नाराजगी
हिंदू रक्षा संघर्ष समिति का उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को उजागर करना और इसे रोकने के लिए विश्व स्तर पर ध्यान आकर्षित करना था। समिति ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हैं। धार्मिक स्थलों का विध्वंस और हिंदू समुदाय के प्रति हिंसा अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है और इसे रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है। 

राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा 
प्रदर्शन के दौरान समिति ने रामपुर के जिलाधिकारी जोगेन्दर सिंह और पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भारत सरकार से अपील की गई कि वह बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए और वहां हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसमें कहा गया कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाना चाहिए।

प्रदर्शन का स्वरूप
धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक रूप से बांग्लादेश के झंडे को जलाया और इसे हिंदू समुदाय पर अत्याचार का प्रतीक बताया। वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही घटनाएं बेहद दुखद और अस्वीकार्य हैं।

प्रदर्शनकारियों ने निम्नलिखित मांगे रखीं 
  • अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप : भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाए।
  • दबाव बनाएं : बांग्लादेश सरकार पर हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव डाला जाए। 
  • जांच और सजा : अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। 
  • हिंदू समुदाय की रक्षा : बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र बनाया जाए।
समाज में गुस्सा और विरोध
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, हिंदू संगठनों के सदस्य और आम नागरिक शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ जो हो रहा है वह पूरी मानवता के लिए शर्मनाक है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो पूरे भारत में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।

वक्ताओं के विचार
प्रमुख वक्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और समुदाय को धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं किसी भी सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य हैं। वक्ताओं ने भारत सरकार से अपील की कि वह इस मामले में कड़ा रुख अपनाए।

आगे की योजना
हिंदू रक्षा संघर्ष समिति ने कहा कि यदि जल्द ही बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार नहीं रुके, तो बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जाएंगे। साथ ही, समिति ने समाज के हर वर्ग से इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने और सरकार पर कार्रवाई का दबाव बनाने की अपील की।

समाज के लिए संदेश
यह प्रदर्शन केवल रामपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिए एक बड़ा संदेश है। यह दिखाता है कि धार्मिक असहिष्णुता के खिलाफ समाज एकजुट होकर खड़ा हो सकता है और न्याय की मांग कर सकता है। 

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