तेजी से बढ़ रहा कोसी नदी का जलस्तर : रामनगर बैराज से पानी छोड़ने से हालात खराब, कई गांवों में घुसा पानी

UPT | तेजी से बढ़ रहा कोसी नदी का जलस्तर

Sep 14, 2024 23:54

हाल ही में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। इस स्थिति ने न केवल लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है...

Rampur News : हाल ही में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। इस स्थिति ने न केवल लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है, बल्कि उनकी फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। शहर से सटे मोरी गेट शहनाज मैरिज हॉल जैसे क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी पहुंच चुका है, जिससे आयोजनों और समारोहों पर असर पड़ा है।

बाढ़ की चपेट में आए ये गांव
खेमपुर, ईशवरपुर, इमरता, बजावाला, पसियापुर, खिजरपुर, बिचपुरी, कुतबपुर, रवन्ना, लम्बापुरी, लालपुर, शौकतनगर और चांदपुर जैसे गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर समस्या पैदा कर रही है, बल्कि इन क्षेत्रों की फसलों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा रही है।

बाढ़ के कारण यातायात ठप
खेमपुर-पसियापुर मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है क्योंकि बाढ़ का पानी सड़क पर बह रहा है, जिसके कारण क्षेत्रीय यातायात ठप हो गया है। इस स्थिति के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और आपातकालीन सेवाओं की पहुंच भी प्रभावित हो रही है। मार्ग बंद होने से व्यापार और दैनिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं।

उत्तराखंड के रामनगर बैराज से छोड़ा गया पानी
बाढ़ की प्रमुख वजह उत्तराखंड के रामनगर बैराज से छोड़ा गया पानी है। रामनगर बैराज से लगभग 56,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो सीधे कोसी नदी में मिलकर जलस्तर को बढ़ा रहा है। इस तीव्र प्रवाह के कारण आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे लोगों की जीवनशैली में भी बदलाव आ गया है।

ग्रामीण इलाकों में चेतावनी जारी
स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों में चेतावनी जारी कर दी है। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। स्थानीय अधिकारी बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं।

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