संभल को संवारने के लिए प्रशासन का बड़ा कदम : नई समिति का किया गठन, सभी धरोहरों का होगा जीर्णोद्धार

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jan 13, 2025 12:18

सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। जिला प्रशासन ने संभल को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की महत्वपूर्ण पहल की है। इस योजना के तहत शहर के 68 प्राचीन तीर्थस्थलों और 19 ऐतिहासिक कूपों के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा.....

Sambhal News : यूपी का संभल इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सरकार और प्रशासन पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। संभल में हुई हिंसा के बाद संभल को संवारने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। जिला प्रशासन ने संभल को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की महत्वपूर्ण पहल की है। इस योजना के तहत शहर के 68 प्राचीन तीर्थस्थलों और 19 ऐतिहासिक कूपों के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा। इस परियोजना को सफल बनाने के लिए 'संभल कल्कि देवतीर्थ समिति' का गठन किया गया है।

निगारनी में होगी ये विशेष तरह की टीम
समिति की संरचना में जिलाधिकारी को अध्यक्ष और पुलिस अधीक्षक को सह-अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। समिति में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी सदस्य बनाया गया है। शनिवार को तहसील में आयोजित पहली बैठक में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया की अध्यक्षता में विस्तृत चर्चा की गई।

इतने तीर्थस्थल और कूपों की हुई पहचान
जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 34 तीर्थस्थलों और सभी 19 कूपों की पहचान कर ली गई है। इन स्थलों के पुनरुद्धार में पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन और पतंजलि विश्वविद्यालय का सहयोग भी प्राप्त होगा। जिसके लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

समिति के प्रमुख सदस्य
समिति के प्रमुख सदस्यों में सीडीओ, एडीएम, एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, बीडीओ संभल, नगर पालिका के अधिकारी कार्यपालक अधिकारी, प्रवीण कुमार, महंत ऋषिराज गिरि, छत्रपाल सिंह, संजय कुमार गुप्ता और डॉ. डीवी शर्मा शामिल हैं।

संभल की बदलेगी सूरत
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य संभल की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करते हुए इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। प्राचीन तीर्थस्थल, कूप और बावड़ियां शहर के गौरवशाली इतिहास के साक्षी हैं, जिनका संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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