बावड़ी पर अतिक्रमण कर बेचे गए 114 प्लॉट : संभल के लक्ष्मणगंज में बसाया नया मुगलपुरा, पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी जांच में जुटी 

UPT | संभल में मिली बावड़ी। (फाइल फोटो)

Jan 13, 2025 12:43

संभल में बड़ा जमीन घोटाला उजागर हुआ है। ऐतिहासिक बावड़ी की जमीन पर अतिक्रमण कर फर्जी दस्तावेजों से 114 प्लॉट बेचे गए। लक्ष्मणगंज में नया मुगलपुरा बसाने का मामला सामने आया है। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।

Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में ऐतिहासिक बावड़ी के आसपास की जमीन पर अतिक्रमण कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 114 प्लॉट बेचे जाने का खुलासा हुआ है। यह प्लॉट मुस्लिम समुदाय के लोगों को बेचे गए, और लक्ष्मणगंज इलाके में नया मुगलपुरा नाम की कॉलोनी भी बसा दी गई। मामला सामने आते ही प्रशासन हरकत में आ गया है और पुलिस तथा इंटेलिजेंस एजेंसी जांच में जुट गई हैं।



ऐतिहासिक बावड़ी और घोटाले का खुलासा
घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब चंदौसी के लक्ष्मणगंज क्षेत्र में स्थित रानी सुरेंद्र बाला की ऐतिहासिक बावड़ी के पास बनाए गए मकान को प्रशासन ने तोड़ दिया। यह मकान गुलनाज बी नामक महिला का था, जिसे उसने 2016 में आमना बेगम से खरीदा था। गुलनाज ने प्रशासन से मकान बनाने की अनुमति भी ली थी, लेकिन बावजूद इसके मकान को अवैध घोषित कर दिया गया और नोटिस देने के तुरंत बाद तोड़ दिया गया।

गुलनाज की शिकायत 
गुलनाज ने आरोप लगाया कि आमना और उसके पति जहीरूद्दीन ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्हें यह प्रॉपर्टी बेची थी। उन्होंने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

बावड़ी की खुदाई में मिला रहस्यमयी इतिहास
डीएम राजेंद्र पेन्सिया की जांच में खुलासा हुआ कि मकान जिस जमीन पर बना था, वह 150 साल पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी की जमीन है। प्रशासन ने बावड़ी की खुदाई शुरू करवाई, जिसमें तीन मंजिला संरचना, सुरंग और कुआं मिले। माना जा रहा है कि यह सुरंग 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों से बचने के लिए बनाई गई थी। फिलहाल खुदाई रोक दी गई है, लेकिन अतिक्रमण के सबूत मिलने के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।

मंदिर की जमीन भी अतिक्रमण की चपेट में
इस घोटाले के साथ-साथ चंद्रेश्वर महादेव मंदिर परिसर की जमीन पर भी अतिक्रमण की खबर सामने आई है। पहले इस मंदिर के पास 80 बीघा जमीन थी, जो अब घटकर मात्र 19 बीघा रह गई है। डीएम और एसपी की टीम इस मामले की भी जांच कर रही है।

प्रशासन का कड़ा रुख
गुलनाज बी के मकान को लेकर नगर पालिका ने पहले ही नोटिस जारी किया था। हालांकि, शुक्रवार शाम को अचानक प्रशासनिक टीम ने एसडीएम निधि पटेल की अगुवाई में कार्रवाई की। मकान मालिक यूसुफ का कहना है कि प्रशासन ने सिर्फ एक घंटे पहले मकान खाली करने का नोटिस दिया, और बुलडोजर लाकर रातभर में मकान तोड़ दिया गया।

प्रशासन की सफाई 
प्रशासन का कहना है कि इस मकान को पहले भी अवैध घोषित किया जा चुका था। नोटिस के बावजूद मकान खाली नहीं किया गया, इसलिए कार्रवाई करनी पड़ी।

1952 के रिकॉर्ड्स से होगा विवाद का समाधान
डीएम ने बताया कि घोटाले की जांच के लिए 1952 के ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स को आधार बनाया जाएगा। चंद्रेश्वर मंदिर की 50 बीघा जमीन की लीज भी कैंसिल की जा रही है।

नए मुगलपुरा की कॉलोनी पर उठे सवाल
लक्ष्मणगंज इलाके में "नया मुगलपुरा" नाम से विकसित कॉलोनी ने प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कॉलोनी के सभी प्लॉट्स फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचे गए। अब पुलिस ने उन सभी खरीदारों की पहचान शुरू कर दी है, जिन्होंने इन प्लॉट्स को खरीदा।

इस घोटाले ने प्रशासन, जनता और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए
संभल में सामने आए इस घोटाले ने प्रशासन, जनता और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और प्रशासनिक टीमें जांच में जुटी हैं, लेकिन इस घोटाले का असल जिम्मेदार कौन है, इसका खुलासा अभी बाकी है। 

ये भी पढ़े : माघ मकरगत रबि जब होई : हर कदम संगम की ओर, सनातन के सबसे बड़े पर्व ने दुनिया को चौंकाया

Also Read