संभल बवाल : पढ़े-लिखे युवाओं की संलिप्तता, दिल्ली के बटला हाउस में ठिकाना और शारिक साटा पर साजिश का शक 

UPT | संभल में पथराव करते उपद्रवी।

Jan 01, 2025 16:08

24 नवंबर को संभल जिले की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए उपद्रव में पुलिस की जांच में चौंकाने वाली जानकारी मिली है। साक्ष्यों से पता चला कि उपद्रव में पढ़े-लिखे युवाओं का बड़ा समूह शामिल था, जो दिल्ली के बटला हाउस में ठिकाना बनाए हुए हैं।

Sambhal News :  24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़के उपद्रव में पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। पुलिस द्वारा इकट्ठा किए गए वीडियो और फोटो साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ है कि उपद्रव में कम पढ़े-लिखे लोगों के साथ-साथ अधिकतर पढ़े-लिखे युवा भी शामिल थे। इन युवाओं का एक बड़ा समूह दिल्ली के बटला हाउस में अपना ठिकाना बनाए हुए है।

जांच में पता चला है कि बटला हाउस से संबंधित एक आरोपी अदनान को पुलिस ने 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया। हालांकि, बटला हाउस में अन्य कई आरोपियों के होने की सूचना थी, लेकिन पुलिस को अदनान के अलावा कोई और संदिग्ध नहीं मिला। इसके बाद वहां ठिकाना बदलने की खबरें भी आईं। 



91 उपद्रवी अब भी फरार
पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई के अनुसार, उपद्रव में शामिल 91 लोगों की पहचान कर ली गई है। हालांकि, ये सभी अपने घर छोड़कर फरार हैं। पुलिस को संदेह है कि इनमें से अधिकांश आरोपी दिल्ली में छिपे हुए हैं। इनकी तलाश के लिए पुलिस और एसआईटी की टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है।

शारिक साटा पर साजिश का शक
जांच में सामने आया है कि संभल बवाल में पाकिस्तान निर्मित 9 एमएम बोर के कारतूस इस्तेमाल किए गए थे। पुलिस का संदेह है कि इन कारतूसों की आपूर्ति शारिक साटा ने की थी। शारिक साटा, जो कि एक वाहन चोर है, आईएसआई और दाऊद इब्राहिम के गिरोह के साथ जुड़ा हुआ बताया गया है।

पुलिस के मुताबिक, शारिक साटा से जुड़े दो लोग वर्ष 2021 में पाकिस्तान से लाए गए नकली नोटों के साथ दिल्ली में गिरफ्तार हो चुके हैं। इन गिरफ्तारियों से यह खुलासा हुआ था कि शारिक साटा न केवल आईएसआई के लिए काम करता है, बल्कि दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क का भी हिस्सा है।

पुलिस की जांच जारी
एसपी ने बताया कि शारिक साटा की भूमिका की जांच की जा रही है। यदि वह कारतूस की आपूर्ति में शामिल पाया गया, तो यह बवाल की साजिश में उसकी संलिप्तता को स्पष्ट करेगा।

51 उपद्रवी जेल भेजे गए
संभल बवाल के दौरान जामा मस्जिद, नखासा तिराहा, और हिंदूपुरा खेड़ा इलाकों में पत्थरबाजी और गोलीबारी की घटनाएं हुईं। इस हिंसा में पुलिस अधिकारियों, विशेष रूप से एसपी को निशाना बनाया गया था। गनीमत रही कि गोलीबारी में एसपी बच गए। पुलिस ने इन घटनाओं के संबंध में सात एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें से पांच संभल कोतवाली और दो नखासा थाने में दर्ज की गईं। अब तक तीन महिलाओं सहित 51 उपद्रवियों को जेल भेजा जा चुका है।

2750 से अधिक आरोपी
पुलिस के अनुसार, इस बवाल में 2750 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है। एसपी का कहना है कि दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, निर्दोष लोगों को परेशान न करने का भी भरोसा दिलाया गया है।

भारतीय संस्कृति के खिलाफ साजिश 
पुलिस और प्रशासन का मानना है कि इस उपद्रव के पीछे गहरी साजिश हो सकती है, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव बढ़ाना और भारतीय संस्कृति को कमजोर करना था। एसआईटी इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है ताकि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के दायरे में लाया जा सके। संभल बवाल ने यह साबित कर दिया है कि पढ़े-लिखे युवाओं को भी उकसाकर हिंसा में शामिल किया जा सकता है। पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और जांच से इस साजिश के पीछे के चेहरों को बेनकाब करने की उम्मीद है। 

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