संभल मस्जिद विवाद : दो मृतकों की पोस्टमोर्टम रिपोर्ट आई सामने, 315 बोर की गोली लगने से हुई मौत

UPT | संभल मस्जिद विवाद

Nov 25, 2024 12:15

घटना में मारे गए दो युवकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने स्थिति को और स्पष्ट किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों मृतकों को 315 बोर की गोली लगी थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

Sambhal News : संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में चार युवकों की मौत हो गई थी, जिसमें से दो मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि दोनों की मौत 315 बोर की गोली लगने से हुई। इसके अलावा, घटना के दौरान एक आरोपी के पास से धारदार हथियार भी बरामद किया गया है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का खुलासा
घटना में मारे गए दो युवकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने स्थिति को और स्पष्ट किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों मृतकों को 315 बोर की गोली लगी थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि घटना के दौरान गोलियां चलाई गई थीं।

धारदार हथियार की बरामदगी
इसके अलावा पुलिस ने एक आरोपी के पास से धारदार हथियार भी बरामद किया है। हिंसा में अन्य प्रकार के हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया था। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि हथियार कहां से लाए गए और इनके पीछे कौन लोग शामिल थे।

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30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल
संभल में हुई फायरिंग और पथराव की घटना में 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। बहजोई के डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू, सीओ अनुज चौधरी, संभल के प्रभारी निरीक्षक अनुज तोमर, असमोली के थानाध्यक्ष योगेश कुमार, कैलादेवी के थानाध्यक्ष राजीव मलिक, कुढ़ फतेहगढ़ के थानाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा और पुलिस अधीक्षक के पीआरओ संजीव कुमार समेत कई अधिकारी घायल हुए हैं। घटना के बाद शहर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।



विवाद की शुरूआत
यह विवाद 19 नवंबर को शुरू हुआ था जब हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए चंदौसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार सिंह की अदालत में दावा पेश किया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद मुगल काल में बने मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एक आयोग गठित कर सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे करने वाली टीम ने 19 नवंबर को पहली बार मस्जिद का निरीक्षण किया था। रविवार को टीम दूसरी बार सर्वे करने पहुंची थी। विवाद हिंसा में बदल गया।

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