Nov 25, 2024 11:14
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राहुल, प्रियंका और अखिलेश ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि संभल में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
Sambhal News : संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर उठे विवाद ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। अब इस मुद्दे पर लगातार राजनीति तेज हो रही है। संभल विवाद को लेकर राहुल, प्रियंका और अखिलेश ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है और सुप्रीम कोर्ट से इस पर संज्ञान लेने की मांग की है।
प्रियंका गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि संभल में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरह से प्रशासन ने इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरे पक्ष को सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए जल्दबाजी में काम किया, उससे पता चलता है कि सरकार ने ही माहौल खराब किया। प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन करना भी जरूरी नहीं समझा। उन्होंने आगे लिखा कि सत्ता में बैठी सरकार भेदभाव, उत्पीड़न और विभाजन फैलाने की कोशिश कर रही है जो न तो लोगों के हित में है और न ही देश के हित में है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और न्याय करना चाहिए। मैं प्रदेश की जनता से हर हाल में शांति बनाए रखने की अपील करती हूं।
राहुल गांधी ने सरकार पर लगाया पक्षपातपूर्ण रवैया आरोप
राहुल गांधी ने संभल विवाद को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार का यह पक्षपातपूर्ण और जल्दबाजी वाला रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और गोलीबारी में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है। प्रशासन ने सभी पक्षों की बात सुने बिना और असंवेदनशीलता से कार्रवाई कर स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिससे कई लोगों की मौत हो गई। इसके लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार जिम्मेदार है। भाजपा द्वारा सत्ता का इस्तेमाल हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न तो प्रदेश के हित में है और न ही देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करता हूं कि वह जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय करे। मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें। हमें एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत के रास्ते पर नहीं बल्कि एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।
संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2024
अखिलेश यादव- सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साजिश
अखिलेश यादव ने संभल विवाद को लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साजिश गई। इस पर सुप्रीम कोर्ट को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। जो लोग सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से नारे लगा रहे हैं, उनके खिलाफ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज होना चाहिए। बार एसोसिएशन को भी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं है।
सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये, उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई… pic.twitter.com/9Fj30K4aLm
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2024
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विवाद की शुरूआत
यह विवाद 19 नवंबर को शुरू हुआ था जब हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए चंदौसी में सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार सिंह की अदालत में दावा पेश किया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद मुगल काल में बने मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए एक आयोग गठित कर सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे करने वाली टीम ने 19 नवंबर को पहली बार मस्जिद का निरीक्षण किया था। रविवार को टीम दूसरी बार सर्वे करने पहुंची थी। विवाद हिंसा में बदल गया।
29 नवंबर को पेश की जाएगी रिपोर्ट
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट 29 नवंबर को पेश की जाएगी। तब तक शहर में सुरक्षा कड़ी रखी जाएगी और स्थिति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था, जिससे शांतिपूर्वक नमाज अदा हुई। रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर दोबारा सर्वे करने पहुंचे तो बवाल शुरू हो गया।