संभल में मंदिर खुलवाने को लेकर राजनीति गरमाई : मौलाना कौसर हयात भड़के, बोले- मुसलमानों को डराने की साजिश...

UPT | मौलाना कौसर हयात

Dec 16, 2024 12:34

मुस्लिम लीग के संयुक्त सचिव मौलाना कौसर हयात खान ने मंदिर खोलने को लेकर प्रशासन और पुलिस की नीयत पर कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे मुसलमानों...

Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 46 साल से बंद पड़े कार्तिकेय महादेव मंदिर को खोलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल को बढ़ावा दिया है। मुस्लिम लीग के संयुक्त सचिव मौलाना कौसर हयात खान ने मंदिर खोलने को लेकर प्रशासन और पुलिस की नीयत पर कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे मुसलमानों को डराने और खौफ पैदा करने की साजिश करार दिया है।

मौलाना कौसर हयात ने क्या कहा?
मौलाना कौसर हयात खान ने प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,"46 साल से बंद पड़े मंदिर को खुलवाने की क्या जरूरत थी? अगर मंदिर के भक्त इसे खोलते, तो बात अलग थी। लेकिन पुलिस खुद इस मामले में क्यों आगे आई?" उन्होंने दावा किया कि यह कदम मुसलमानों को डराने और प्रताड़ित करने की मंशा से उठाया गया है। मौलाना ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर इलाके में तनाव और विवाद पैदा करना चाहती है।

पुलिस पर फसाद करने का आरोप 
संभल में मंदिर खोलने की घटना के संदर्भ में मौलाना कौसर ने हिंसा की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "संभल हिंसा में पुलिस ने खुद फसाद को बढ़ावा दिया। यह प्रशासन की सोची-समझी साजिश है।" उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर खुलवाने के दौरान पुलिस सीओ (सर्कल ऑफिसर) को सफाई करते देखा गया। जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस एक नई समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रही है।

डीएम और एसपी की भूमिका पर सवाल
मौलाना कौसर ने प्रशासन की अन्य गतिविधियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि संभल में बिजली चोरी के मामलों में डीएम और एसपी खुद टीम लेकर निरीक्षण के लिए जा रहे हैं, जबकि यह काम छोटे स्तर के अधिकारियों का है। उन्होंने इसे प्रशासनिक दबाव और मुस्लिम समाज को डराने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा "सरकार और प्रशासन का उद्देश्य मुसलमानों को दबाना और खौफजदा करना है। यह कार्रवाई अमन और शांति का माहौल बिगाड़ने की कोशिश है।"

सरकार और प्रशासन पर चेतावनी
मौलाना कौसर ने अपनी बात को तीखे लहजे में खत्म करते हुए कहा, "आज जो अधिकारी और सरकार जुल्म कर रहे हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि यह सरकार हमेशा के लिए नहीं रहने वाली। जब सत्ता बदलेगी, तो ऐसे अधिकारियों को उनके किए की सजा मिलेगी।" उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई से जनता के बीच आक्रोश बढ़ेगा और सामाजिक ताना-बाना कमजोर होगा।

मंदिर खोलने का मुद्दा
कार्तिकेय महादेव मंदिर को खोलने को लेकर समाज में दो अलग-अलग राय सामने आई हैं। हिंदू संगठनों ने इसे आस्था की जीत बताया है। जबकि मुस्लिम समाज ने इसे जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का प्रयास करार दिया है।

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