संभल से इस वक्त की बड़ी खबर : मंदिर के पास कुएं की खुदाई में मिली पार्वती की प्रतिमा

UPT | खुदाई में मिली पार्वती की प्रतिमा

Dec 16, 2024 12:05

संभल में खग्गू पुरा में स्थित इस मंदिर के पास एक कुएं की खुदाई के दौरान दो प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। माना जा रहा है कि यह प्रतिमाएं माता पार्वती की हैं।

Sambhal News : संभल में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान मिले प्राचीन शिव मंदिर से एक और ऐतिहासिक जानकारी सामने आई है। खग्गू पुरा में स्थित इस मंदिर के पास एक कुएं की खुदाई के दौरान दो प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। माना जा रहा है कि यह प्रतिमाएं माता पार्वती की हैं। यह खोज 46 साल बाद खोले गए "प्राचीन सम्भलेश्वर महादेव मंदिर" के पास हुई है। अब तक कुएं की खुदाई लगभग 15-20 फुट की गहराई तक की जा चुकी है और यह प्रक्रिया अभी जारी है।
 
कुएं की खुदाई के दौरान मिलीं मूर्तियां
संभल में 46 साल बाद खुले प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सोमवार, 16 दिसंबर को बड़ी संख्या में भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की। इसी बीच मंदिर परिसर में स्थित एक पुराने कुएं की खुदाई की गई, जिसमें से 20 फीट की गहराई पर दो मूर्तियां प्राप्त हुईं। बताया जा रहा है कि ये मूर्तियां माता पार्वती की हैं। इनकी ऐतिहासिकता और महत्व का पता लगाने के लिए प्रतिमाओं को फिलहाल पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

46 वर्षों से बंद था मंदिर 
संभल जिले के खग्गू सराय में 46 वर्षों से बंद पड़े एक प्राचीन शिव मंदिर को प्रशासन ने 15 दिसंबर को पुनः खुलवाया। मंदिर के खुलने के साथ ही पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया और मंदिर में श्रद्धालुओं और पुलिस प्रशासन की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में एक पुराने कुएं की खुदाई भी करवाई गई, जिसमें करीब 15 फीट गहराई तक खुदाई के बाद एक मूर्ति प्राप्त हुई। यह खंडित मूर्ति प्रशासन को सौंप दी गई है, और इसकी ऐतिहासिकता की जांच की जाएगी।



कार्बन डेटिंग की तैयारी
मंदिर की प्राचीनता का पता लगाने के लिए जिला प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखकर मंदिर, शिवलिंग और कुएं की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की है। यह जांच यह स्पष्ट करेगी कि मंदिर और उसकी मूर्तियां कितनी पुरानी हैं। प्रशासन का मानना है कि इस कदम से मंदिर के ऐतिहासिक महत्व का सही आकलन हो सकेगा।

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सांप्रदायिक दंगों के बाद बंद हुआ था मंदिर
स्थानीय निवासियों का कहना है कि 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों और हिंदू आबादी के विस्थापन के कारण यह मंदिर बंद कर दिया गया था। नगर हिंदू महासभा के संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगी ने बताया कि इस मंदिर का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टिकोणों से है। दंगों के बाद हिंदू समुदाय को यहां से पलायन करना पड़ा था, जिसके कारण यह मंदिर 46 वर्षों तक बंद रहा।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
प्राचीन मंदिर सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क के घर से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। इसे लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और 24 घंटे पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है। इसके अलावा, मंदिर के आसपास किए गए अतिक्रमण को भी हटाया जा रहा है।

कैसे मिला मंदिर?
बीते दिनों संभल हिंसा के दौरान उपद्रवियों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस और प्रशासन के सामने दो मुख्य मुद्दे सामने आए: एक था बिजली चोरी और दूसरा अतिक्रमण। इन दोनों समस्याओं के समाधान के लिए पुलिस और प्रशासन ने रणनीति तैयार की और शनिवार को इन पर कार्रवाई करने के लिए दो बड़े अभियान चलाए। पहला अभियान बिजली चोरी के खिलाफ था, जबकि दूसरा अभियान अतिक्रमण हटाने के लिए था। जब पुलिस ने बिजली चोरी पकड़ने के लिए घर-घर जाकर छापा मारा, तो उन्हें एक हैरान करने वाली तस्वीर का सामना हुआ। यह तस्वीर एक बंद और अतिक्रमित शिव मंदिर की थी, जो लंबे समय से बंद पड़ा हुआ था। पुलिस ने इस मंदिर को ढूंढ़ निकाला।

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