संभल हिंसा को लेकर गरमाई सियासत : कमिश्नर ने आरोपों का दिया जवाब, कहा- हमने पुलिस को कोई क्लीन चिट नहीं दी

UPT | संभल कमिश्नर

Dec 02, 2024 18:22

कमिश्नर ने समाजवादी पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मस्जिद में भीड़ के घुसने और सर्वे टीम पर हमले के संबंध में इंटेलिजेंस इनपुट मिल चुका था, जिसके आधार पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया था।

Sambhal News : संभल में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। संभल हिंसा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। इन आरोपों का जवाब मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आञ्जनेय कुमार सिंह ने दिया है। कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि प्रशासन ने पुलिस को किसी भी दोषी को बचाने के लिए क्लीन चिट नहीं दी है और जो भी दोषी होगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।

सपा के आरोपों का खंडन
कमिश्नर ने समाजवादी पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मस्जिद में भीड़ के घुसने और सर्वे टीम पर हमले के संबंध में इंटेलिजेंस इनपुट मिल चुका था, जिसके आधार पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के बाद जिम्मेदार ठहराए जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वह जिले के डीएम या एसपी नहीं हैं, बल्कि कमिश्नर हैं। उनका कार्य विधि के अनुसार सलाह देने का होता है, और उनके पास प्रशासनिक सलाह के लिए जिला प्रशासन आता है। आञ्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में कोर्ट का आदेश था, जिसे जिला प्रशासन ने पालन किया। वह किसी भी राजनीतिक पक्ष से प्रभावित नहीं हैं और उनका उद्देश्य केवल प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाना है। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी को टारगेट करने का कोई कारण नहीं रखते हैं, क्योंकि उनका काम केवल कानून के अनुसार कार्य करना है, जो भी प्रशासनिक जिम्मेदारी दी गई है।



कमिश्नर ने दी अपनी प्रतिक्रिया
कमिश्नर आञ्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि संभल हिंसा के संदर्भ में पुलिस और प्रशासन ने पूरी मेहनत के साथ हालात को काबू में किया। उन्होंने बताया कि 19 नवंबर को कुछ लोग, जिनमें सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क़ और सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल के समर्थक शामिल थे, ने सर्वे में विघ्न डाला था। इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वे कराया गया था, जिसे कोर्ट कमिश्नर की गुजारिश पर जिला प्रशासन ने कराया। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम में किसी भी प्रकार का इंटेलिजेंस या पुलिस का फेलियर नहीं था। इसके अलावा, मस्जिद और सर्वे टीम की सुरक्षा सुनिश्चित की गई थी और महज दो-ढाई घंटे में हिंसा को काबू कर लिया गया।

अखिलेश यादव पर की प्रतिक्रिया
संभल हिंसा के संदर्भ में जब सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के साथ शायराना अंदाज में उलझने का मामला सामने आया, तो कमिश्नर ने कहा कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी प्रतिष्ठा बहुत बड़ी है। वह एक छोटा सा अधिकारी हैं, और क्योंकि वह साहित्य के विद्यार्थी रहे हैं, इसलिए जब भी कोई अच्छी चीज उन्हें नजर आती है, तो वह उसे अपने सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। यह एक संयोग था और इसे इससे जोड़ा नहीं जाना चाहिए। कमिश्नर ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव जैसे राजनीतिक नेता कुछ भी कह सकते हैं, और उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया शायराना अंदाज में दी।

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
कमिश्नर ने इस बात का भी भरोसा दिलाया कि अगर जांच के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ सबूत मिलता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि संभल हिंसा के दोषियों को न्याय दिलवाना उनकी जिम्मेदारी है, और इस कार्य में कोई भी ढिलाई नहीं बरती जाएगी। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि हिंसा के दोषियों को अदालत से सजा दिलवाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

बाहरी नेताओं पर पाबंदी
संभल में हुई हिंसा के बाद बाहरी नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाने के सवाल पर कमिश्नर ने कहा कि जिले को फिर से सामान्य करने में बहुत मेहनत लगी है। इसलिए, जब तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती, तब तक बाहरी नेताओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी ने 10 दिसंबर तक इस पर रोक लगा दी है, ताकि माहौल बिगड़ने से बच सके। कमिश्नर को उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी।

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