जियाउर्रहमान बर्क ने विधायक पद से दिया इस्तीफा : खाली सीट पर शुरू हुआ चुनावी शोर, जानें कुंदरकी में किसका रहा दबदबा

UPT | जियाउर्रहमान बर्क ने विधायक पद से दिया इस्तीफा

Jun 19, 2024 17:11

संभल संसदीय क्षेत्र से नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य जियाउर्रहमान बर्क ने कुंदरकी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस बात की जानकारी साझा की...

Short Highlights
  • जियाउर्रहमान बर्क ने विधायक पद से दिया इस्तीफा
  • 2022 में कुंदरकी विधानसभा निर्वाचन से बनें विधायक
  • 2024 लोकसभा चुनाव में जीती संभल सीट
Sambhal News : संभल संसदीय क्षेत्र से नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य जियाउर्रहमान बर्क ने कुंदरकी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस बात की जानकारी साझा की। संविधान के प्रावधानों के अनुसार, लोकसभा और विधानसभा दोनों में एकसाथ रहना संभव नहीं है। इसलिए चुनाव आयोग की ओर से लोक सभा चुनाव परिणाम घोषित होने के 14 दिनों के भीतर उन्हें एक पद छोड़ना था। बर्क अब केवल संसद सदस्य बने रहेंगे।

संभल लोकसभा सीट से चुने गए सांसद
जियाउर्रहमान बर्क ने बताया कि उन्होंने कुंदरकी विधानसभा सीट से अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंगलवार को अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। बर्क 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर कुंदरकी विधानसभा सीट से विजयी हुए थे। जियाउर्रहमान बर्क ने संभल लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है।



यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव
जियाउर्रहमान के इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है। कुंदरकी सीट सपा का गढ़ रही है। मुस्लिम बाहुल्य सीट पर सपा का दबदबा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा की 10 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इन 10 सीटों में पांच सपा, तीन भाजपा, एक रालोद व एक निषाद पार्टी की हैं। देखना यह होगा कि सपा और कांग्रेस अकेली लड़ेगीं या दोनों पार्टी लोकसभा चुनाव की तरह गठबंधन करेगीं। इस बार एनडीए और इंडी गठबंधन में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी की कई सीटें गंवा दी। उपचुनाव में पार्टी जितने की पूरी कोशिश करेगी।
  सिर्फ एक बार महिला बनीं विधायक
कुदंरकी विधानसभा सीट वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई थी। यह सीट मुरादाबाद जिले में आती है। यह मुस्लिम बहुल सीट पर सपा और भाजपा में सीधी लड़ाई है। कुंदरकी में 1993 में पहली बार भाजपा का कमल खिला था। उस समय राम की लहर थी तो बीजेपी यह सीट जीत गई थी। कांग्रेस भी यहां से सिर्फ एक बार ही जीत पाई है। 1985 में कांग्रेस से रीना कुमारी ने जीत हासिल की थी। रीना कुमारी इकलौती महिला हैं, जो इस सीट पर विधायक रही हैं। इसके बाद सपा और बसपा में ही जंग रही।
 
वर्ष जीते विधायक पार्टी मिले वोट
2022 जियाउर्रहमान बर्क सपा 1,25,792
2017 मोहम्मद रिज़वान सपा 110561
2012 मोहम्मद रिज़वान सपा 81302
2007 अकबर हुसैन बसपा 41356
2002 मोहम्मद रिज़वान सपा 53348
1996 अकबर हुसैन बसपा 51888
1993 चंद्र विजय सिंह भाजपा 73083
1991 अकबर हुसैन जनता दल 41390
1989 चंद्र विजय सिंह जनता दल 39333
1985 रीना कुमारी कांग्रेस 36347
1980 अकबर हुसैन जनता पार्टी 21247


सबसे ज्यादा बार रहे है विधायक
इस सीट पर अब तक 13 उम्मीदवार विधायक रहे हैं। अकबर हुसैन अब तक सबसे ज्यादा बार विधायक रहे हैं। अकबर हुसैन ने कभी जनता पार्टी में तो कभी बसपा में रहकर जीत हासिल की। 1996 में बसपा के अकबर हुसैन ने सपा के मोहम्मद रिजवान को हराया था। 2012 में मोहम्मद रिजवान ने बीजेपी के रामवीर सिंह को हराया। 2017 में भी सपा के मोहम्मद रिजवान जीते। मोहम्मद रिजवान ने सपा को छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया। 2022 में सपा ने नए चेहरे को उतारा और जीत हासिल की। सपा से जियाउर्रहमान बर्क ने बीजेपी के कमल कुमार को हराकर 1,25,792 वोट हासिल किए।

कुंदरकी सीट का जातीय समीकरण
उत्तर प्रदेश की कुंदरकी विधानसभा निर्वाचन सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 55 फीसदी है। मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ वैश्य, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के मतदाता भी पर्याप्त संख्या में हैं। चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,80,673 मतदाता हैं।

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