बदलता उत्तर प्रदेश : मुरादाबाद में रैपिड रेल परियोजना की तैयारियां जोरों पर, संशोधन के बाद शासन को भेजा जाएगा प्रस्ताव

UPT | मुरादाबाद रैपिड रेल

Jan 15, 2025 16:36

मुरादाबाद के विकास का प्रोजेक्ट विजन उसी कंपनी ने तैयार किया है, जिसने अयोध्या के विकास का खाका खींचा। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रोजेक्ट में कम से कम खामियां होंगी और बार-बार संशोधन की जरूरत न पड़े...

Moradabad News : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रैपिड रेल परियोजना को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रारंभिक योजना और डिजाइन में आवश्यक संशोधन किए जा रहे हैं। सभी पहलुओं पर विचार करते हुए इसे अधिक प्रभावी और शहर की जरूरतों के अनुकूल बनाया जा रहा है।

रैपिड रेल परियोजना में रोजगार
जानकारी के अनुसार, शुरुआती स्टेशन से लेकर अंतिम स्टेशन तक रोजगार बढ़ाने के प्रयास व आसपास के क्षेत्र पर पड़ने वाले असर पर मंथन चल रहा है। साथ ही यह प्रयास किया जा रहा है कि खेती की जमीन को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके लिए कंपनी कुछ जरूरी संशोधन करने में जुटी है।

एयरपोर्ट से हाईवे होते हुए जुड़ेगी दिल्ली
मुरादाबाद के विकास का प्रोजेक्ट विजन उसी कंपनी ने तैयार किया है जिसने अयोध्या के विकास का खाका खींचा। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रोजेक्ट में कम से कम खामियां होंगी और बार-बार संशोधन की नहीं पड़ेगी। परियोजना के मुताबिक मुरादाबाद से गजरौला, हापुड़, गाजियाबाद होते हुए दिल्ली तक रैपिड रेल से महज 90 मिनट में सफर पूरा होगा। मूंढापांडे में एयरपोर्ट के पास से शुरू होकर हाईवे के ऊपर से होते हुए रैपिड रेल मुरादाबाद से दिल्ली से जुड़ेगी।

10000 करोड़ रुपये की रैपिड रेल परियोजना
इससे रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा जिले सीधे जुड़ जाएंगे। यह प्रोजेक्ट लगभग 10000 करोड़ रुपये का होगा। वर्तमान समय में दिल्ली रोड पर एक घंटे में अधिकतम 15,996 लोग आवागमन करते हैं। भविष्य में यह संख्या बढ़कर 25 हजार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी कारण जीरो प्वाइंट पर आईएसबीटी बनाया जाएगा।

इलेक्ट्रिक बस और लाइट मेट्रो
इसके अलावा जोया व ब्रजघाट टोल का आंकड़ा लें तो 40 हजार वाहन 24 घंटे में आना-जाना करते हैं। भविष्य में हाईवे पर वाहनों का दबाव और अधिक बढ़ जाएगा। इससे जाम की स्थिति बनेगी। लिहाजा रैपिड रेल भविष्य की जरूरत के रूप में देखी जा रही है। इसके अलावा शहर में इलेक्ट्रिक बसों व लाइट मेट्रो का संचालन होगा। इसमें निर्यातकों व आर्किटेक्ट संगठनों से भी राय ली गई है।

Also Read