यौन उत्पीड़न के तरीके बताती थी महिला यूट्यूबर : भारत में हर 13 घंटे में एक बच्चे का बलात्कार, जानें कहां करें शिकायत

UPT | यौन उत्पीड़न के तरीके बताती थी महिला यूट्यूबर

Jun 13, 2024 18:26

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2002 में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके अनुसार दुनियाभर में 18 साल से कम उम्र के 7.9 फीसदी लड़के और 19.7 फीसदी लड़कियां यौन हिंसा की शिकार हैं।

Short Highlights
  • बाल शोषण में महिलाएं भी शामिल
  • शोषण रोकने के लिए बने कानून
  • हर साल बढ़ रहे हैं आंकड़े
New Delhi : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक महिला यूट्यूबर गेमिंग के नाम पर बच्चों के यौन उत्पीड़न के तरीके बताती थी। मामला उजागर हुआ, तो पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन ये एक अपने आप में कोई एकलौता मामला नहीं है। आए दिन टीवी और अखबारों में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की खबरें छपती रहती हैं। देश में इसे लेकर कड़े कानून भी हैं, लेकिन घटनाओं पर लगाम लगने का नाम ही नहीं ले रही है।

डराने वाले हैं आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2002 में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके अनुसार दुनियाभर में 18 साल से कम उम्र के 7.9 फीसदी लड़के और 19.7 फीसदी लड़कियां यौन हिंसा की शिकार हैं। वहीं भारत में इस संबंध में एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े हैं। 2011 में जारी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 33,098 मामले दर्ज किए गए। जबकि 2022 में कुल 63,414 मामले दर्ज किए गए। भारत में प्रत्येक 155 मिनट पर 16 से कम उम्र के एक बच्चे तथा प्रत्येक 13 घंटे पर10 से कम उम्र के एक बच्चे का बलात्कार होता है।

बाल शोषण में महिलाएं भी शामिल
यूनिसेफ द्वारा 2005 से 2013 के बीच किशोरियों पर किये गए अध्ययन के आँकड़े बताते हैं कि भारत की 10 प्रतिशत लड़कियों को जहाँ 10 से 14 वर्ष से कम उम्र में यौन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा, वहीं 30 प्रतिशत ने 15 - 19 वर्ष के दौरान यौन दुर्व्यवहार झेला। 2007 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भारत के 13 राज्यों पर किये गए अध्ययन में 21 प्रतिशत लोगों ने बचपन में गंभीर यौन शोषण की बात स्वीकारी। वैसे बाल शोषण करने वाले अपराधियों में केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि कम अनुपात के साथ महिलाएँ भी शामिल होती हैं।

शोषण रोकने के लिए बने कानून
भारत में बच्चों का यौन शोषण रोकने के लिए 2012 में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम बनाया गया, जिसे शॉर्ट में पॉक्सो कहा जाता है। इसमें अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। अगर किसी बच्चे के खिलाफ किसी प्रकार का यौन उत्पीड़न किया जा रहा है, तो पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

और कहां करें शिकायत?
बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं। ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि इस प्रकार की घटनाएं परिवार के ही किसी सदस्य या जानने वाले द्वारा अंजाम दी जाती हैं। यहीं वजह है कि ऐसे मामलों में बच्चे किसी से अपनी बात कह नहीं पाते और माता-पिता भी शिकायत कराने से परहेज करते हैं। बाल शोषण के खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत चाइल्डलाइन को 1098 पर कॉल कर दी जा सकती है। इसके अलावा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की वेबसाइट ncpcr.gov.in पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं। कई बार बच्चे शोषण के कारण मानसिक दबाव में भी आ जाते हैं। जरूरी है कि इसे लेकर माता-पिता बच्चों से बात करें।

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