भारत सरकार की बड़ी कार्रवाई : 17,000 वाट्सऐप अकाउंट्स किए ब्लॉक, I4C के निर्देश पर लिया एक्शन

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Nov 22, 2024 13:20

साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर सख्त कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में लिप्त 17,000 से अधिक वॉट्सऐप अकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं। यह कदम गृह मंत्रालय (MHA) के साइबर...

New Delhi News : साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर सख्त कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में लिप्त 17,000 से अधिक वॉट्सऐप अकाउंट ब्लॉक कर दिए हैं। यह कदम गृह मंत्रालय (MHA) के साइबर फ्रॉड नियंत्रण विंग इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के निर्देश पर उठाया गया। इन ब्लॉक किए गए वॉट्सऐप नंबरों में से ज्यादातर कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और थाईलैंड जैसे देशों से सक्रिय थे।

कैसे हो रहा था फ्रॉड?
डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के तहत स्कैमर्स भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहे थे। वे खुद को CBI, ED या इनकम टैक्स जैसे सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते थे। ये ठग बदनामी और कानूनी कार्यवाही के डर का फायदा उठाकर लोगों से पैसे उगाहते थे। यह ठगी का तरीका सोशल इंजीनियरिंग पर आधारित है, जहां ठग फर्जी दस्तावेज़ और कॉल्स का इस्तेमाल करके लोगों का विश्वास जीतते हैं। वाट्सऐप कॉल्स और मैसेज के जरिए नागरिकों को फंसाया जाता था और उनसे बड़ी रकम वसूल की जाती थी।


फ्रॉड के चौंकाने वाले आंकड़े
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 महीनों में डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के 92,334 मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं में करीब 2,140 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
डेली ठगी की राशि : ₹6 करोड़
समयावधि : जनवरी 2024 से अक्टूबर 2024 तक

I4C और मेटा की संयुक्त कार्रवाई
I4C ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड से जुड़ी शिकायतें साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से दर्ज की थीं। इन शिकायतों के आधार पर, गृह मंत्रालय ने मेटा को निर्देश दिया कि वे फर्जी गतिविधियों में शामिल वॉट्सऐप अकाउंट्स को ब्लॉक करें। इस कार्रवाई में 17,000 से अधिक वॉट्सऐप नंबरों पर रोक लगाई गई। अधिकारियों का कहना है कि ये नंबर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित किए जा रहे थे और भारत के नागरिकों को ठगने के लिए उपयोग किए जा रहे थे।

प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप और हेल्पलाइन नंबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक जनसभा में डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने नागरिकों को सतर्क रहने और ऐसे फ्रॉड्स के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया। गृह मंत्रालय ने इस संदर्भ में नेशनल साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है।

कैसे सतर्क रहना चाहिए?
ध्यान रखें:
सरकारी एजेंसियां कभी भी सोशल मीडिया या फोन कॉल्स के जरिए धन की मांग नहीं करती हैं।
फर्जी कॉल्स: अज्ञात नंबरों से आए कॉल्स पर निजी जानकारी साझा न करें।
ऑनलाइन जागरूकता: साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करें और अनधिकृत लिंक या वेबसाइटों पर क्लिक न करें।

सरकार का संदेश
गृह मंत्रालय की यह कार्रवाई साइबर अपराधों को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डिजिटल इंडिया को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए सरकार लगातार नई तकनीकों और सुरक्षा उपायों को लागू कर रही है।

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