एयरलाइंस को नए साल का तोहफा : ATF की कीमतों में कटौती, क्या कम होगा हवाई किराया?

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Jan 01, 2025 17:21

नए साल के अवसर पर सरकार ने एयरलाइंस को राहत देते हुए हवाई ईंधन (ATF) की कीमतों में ₹1401.37 प्रति किलो लीटर की कटौती की है, जिससे हवाई किराए में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

Short Highlights
  • सरकार ने एयरलाइंस को दी राहत
  • हवाई ईंधन (ATF) की कीमतों में कटौती
  • टिकटों के दाम में मिल सकती हैं राहत
     
ATF Prices Cut : नए साल के अवसर पर सरकार ने एयरलाइंस को राहत देते हुए हवाई ईंधन (ATF) की कीमतों में ₹1401.37 प्रति किलो लीटर की कटौती की है, जिससे हवाई किराए में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। यह कटौती दिसंबर 2024 में हवाई ईंधन के दामों में ₹1318.12 प्रति किलो लीटर की वृद्धि और नवंबर में ₹2,941.5 प्रति किलो लीटर की बढ़ोतरी के बाद की गई है। यह कदम यात्रियों के लिए राहत का संकेत हो सकता है, खासकर हवाई यात्रा की बढ़ती लागत को लेकर।

कम हो सकता है हवाई किराया
हवाई ईंधन की कीमतों में कटौती का सीधा असर हवाई किराए पर पड़ सकता है। एटीएफ एयरलाइंस की कुल लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और जब इसके दाम घटते हैं, तो एयरलाइंस के लिए अपनी उड़ानों का किराया कम करना संभव हो सकता है। हालांकि, यह पूरी तरह से एयरलाइंस की पॉलिसी पर निर्भर करेगा, लेकिन आमतौर पर जब हवाई ईंधन सस्ता होता है, तो यात्रियों को किराए में कमी देखने को मिल सकती है, जो हवाई यात्रा को और भी सुलभ बना सकता है।


1 जनवरी 2025 को हवाई ईंधन की कीमत
1 जनवरी 2025 को सरकारी तेल कंपनियों ने हवाई ईंधन (ATF) की कीमतों में कटौती की है। अब देश के प्रमुख चार मेट्रो शहरों में हवाई ईंधन की नई कीमतें इस प्रकार हैं: दिल्ली में ₹90,455.47 प्रति किलोलीटर, कोलकाता में ₹93,059.79 प्रति किलोलीटर, मुंबई में ₹84,511.93 प्रति किलोलीटर और चेन्नई में ₹93,670.72 प्रति किलोलीटर। इन बदलावों से हवाई यात्रा की लागत में कुछ राहत मिल सकती है।

टिकटों के दाम में मिल सकती हैं राहत
एटीएफ की कीमतों में कटौती के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि एयरलाइंस अपने टिकटों के दाम में कुछ राहत दे सकती हैं। हालांकि, इसके लिए यात्रियों को थोड़ा इंतजार करना होगा और यह देखना होगा कि एयरलाइंस इस कटौती को अपने किराए में कितनी राहत के रूप में देती हैं। आमतौर पर, जब हवाई ईंधन सस्ता होता है, तो एयरलाइंस अपने किराए में कमी करने की कोशिश करती हैं, लेकिन यह पूरी तरह से उनकी नीति और बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा।

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