डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट : सोशल मीडिया अकाउंट के लिए बच्चों को पेरेंट्स से लेनी होगी मंजूरी, सरकार ने ड्राफ्ट जारी किया, जल्द आएगा नियम

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jan 03, 2025 23:07

18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। अब सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए इन बच्चों को अपने पैरेंट्स की सहमति लेना...

Digital Personal Data Protection Act : 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। अब सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए इन बच्चों को अपने पैरेंट्स की सहमति लेना अनिवार्य होगा। बता दें, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023 के मसौदा नियमों में यह प्रावधान शामिल है, जिसे केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जारी किया है।



शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने अधिसूचना जारी करते हुए घोषणा की कि जनता को इन मसौदा नियमों पर अपनी आपत्तियां और सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया है, यह फीडबैक सरकार के नागरिक सहभागिता मंच MyGov.in के माध्यम से दिया जा सकेगा। करीब डेढ़ महीने बाद यानी 18 फरवरी 2025 के बाद फीडबैक पर विचार किया जाएगा।

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250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित 
मसौदा नियम कानूनी संरक्षकता के तहत बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए सख्त उपायों पर जोर देते हैं। बच्चों के डेटा पर विशेष ध्यान देने के अलावा मसौदा नियमों में उपभोक्ताओं के अधिकारों को भी सशक्त किया गया है। उपयोगकर्ता अपने डेटा को हटाने और कंपनियों से यह पारदर्शिता मांगने का अधिकार रखेंगे कि उनका डेटा क्यों एकत्र किया जा रहा है, कैसे एकत्र किया जा रहा है। डेटा उल्लंघन की स्थिति में 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है, इससे डेटा फिड्यूशरीज़ की ज़िम्मेदारी सुनिश्चित होगी। उपभोक्ता डेटा संग्रह की प्रक्रियाओं को चुनौती देने और डेटा उपयोग के लिए स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार भी रखेंगे।

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सूचना का आदान-प्रदान, प्रसार और संशोधन शामिल 
मसौदा नियमों में ऑनलाइन गेमिंग बिचौलिए, ई-कॉमर्स संस्थाएं और सोशल मीडिया बिचौलिए जैसे कई महत्वपूर्ण डिजिटल मध्यस्थों को शामिल किया गया है। साथ ही दिशा निर्देश निर्धारित किए गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसे मध्यस्थ के रूप में परिभाषित किया गया है, जो उपयोगकर्ताओं के बीच ऑनलाइन बातचीत को प्राथमिकता देते हैं, जिसमें सूचना का आदान-प्रदान, प्रसार और संशोधन शामिल है।

दूरस्थ सुनवाई करेगा बोर्ड
सरकार एक डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड स्थापित करेगी, यह बोर्ड बनाए गए नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी। जो पूरी तरह से डिजिटल नियामक निकाय के रूप में काम करेगा। इतनी ही नहीं यह बोर्ड दूरस्थ सुनवाई करेगा, उल्लंघनों की जांच करेगा, दंड लागू करेगा और सहमति प्रबंधकों (Consent Managers) को रजिस्टर करेगा। सहमति प्रबंधकों को बोर्ड के साथ पंजीकरण करना होगा।

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