IPC की जगह लेगा अब BNS : नया कानून लागू होने से जनता को होगा बड़ा फायदा, अब किसी भी थाने में दर्ज करा सकेंगे एफआईआर

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Jun 30, 2024 13:08

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे कि वीडियो और फोटो इत्यादि को नए कानून में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। अब मारपीट, छोटी घटनाओं में गाली गलौज या छोटे अपराधों में जमानत टूटने के मामले में बिना हथकड़ी लगाए पुलिस थाने ले  जा सकती है...

UPT News Desk : 1 जुलाई से भारत में तीन महत्वपूर्ण कानून लागू होंगे। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। इन कानूनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनसे आम लोगों को बड़ा फायदा होगा। अब लोग किसी भी स्थान से एफआईआर दर्ज करा सकेंगे, यह जरूरी नहीं होगा कि अपराध के स्थान पर ही दर्ज किया जाए। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 के तहत जीरो एफआईआर को कानूनी मान्यता प्राप्त होगी।


इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों में महत्वपूर्ण स्थान मिला
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे कि वीडियो और फोटो इत्यादि को नए कानून में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। अब मारपीट, छोटी घटनाओं में गाली गलौज या छोटे अपराधों में जमानत टूटने के मामले में बिना हथकड़ी लगाए पुलिस थाने ले  जा सकती है, परंतु शर्त यह होगी कि आरोपी का पुराना आपराधिक इतिहास न हो। इसके अलावा, आपराधिक मुकदमों में अब तारीख पर तारीख वाला हिसाब-किताब नहीं चलेगा, और तीन वर्ष में मुकदमे का निस्तारण करने की बाध्यता भी नए कानून में शामिल की गई है।

दो महीने के भीतर जांच करनी होगी पूरी
दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए भी बड़ा सुधार किया गया है, अब वे अपना बयान अपनी सुविधा के हिसाब से जगह पर दर्ज करा सकेंगी। पीड़िता द्वारा बताई गई जगह पर पुलिस उसका बयान रिकॉर्ड करेगी। पुलिस उनके बयान को ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग करेगी और इसे अत्यंत सुरक्षित रूप से कोर्ट में प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के मामले में जांच दो माह के भीतर पूरी करने की व्यवस्था भी नए कानून के तहत की गई है।

बता दें कि सड़क हादसे में मौत की स्थिति में अब दोषी चालक को पांच साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इसी तरह, यदि किसी मरीज की मौत डॉक्टर के उपेक्षापूर्ण कृत्य से होती है, तो दो वर्ष की सजा और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

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