आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बड़ा कदम : ओपनएआई लॉन्च करेगा नया ब्राउजर, गूगल क्रोम को देगा टक्कर

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Nov 22, 2024 16:13

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी ओपनएआई ने अपने नए ब्राउजर को लॉन्च करने की योजना बनाई है। यह कदम कंपनी को सर्च और ब्राउजिंग बाजार में स्थापित खिलाड़ियों...

New Delhi News : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी ओपनएआई ने अपने नए ब्राउजर को लॉन्च करने की योजना बनाई है। यह कदम कंपनी को सर्च और ब्राउजिंग बाजार में स्थापित खिलाड़ियों, विशेष रूप से गूगल क्रोम के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में खड़ा करेगा। गूगल क्रोम वर्तमान में वैश्विक ब्राउजर बाजार में 70% से अधिक हिस्सेदारी रखता है, लेकिन ओपनएआई का नया ब्राउजर इसकी प्रभुत्व को चुनौती देने की कोशिश करेगा।

ओपनएआई लॉन्च करेगा नया ब्राउजर
ओपनएआई का यह नया ब्राउजर अपने चैटजीपीटी चैटबॉट के साथ इंटीग्रेटेड होगा। इसका मतलब है कि यूजर्स को न केवल तेज और बेहतर सर्च अनुभव मिलेगा, बल्कि AI द्वारा समर्थित सटीक और प्रासंगिक उत्तर भी प्रदान किए जाएंगे।
  • AI आधारित सर्च अनुभव : ओपनएआई का नया ब्राउजर उपयोगकर्ताओं को चैटजीपीटी के इंटीग्रेशन के जरिए उनके सवालों के उत्तर तुरंत और व्यक्तिगत अनुभव के साथ देगा।
  • सर्च और ब्राउजिंग का संयोजन : ओपनएआई ने हाल ही में अपने सर्च प्लेटफॉर्म SearchGPT लॉन्च किया, जो प्रीमियम यूजर्स के लिए उपलब्ध है। नए ब्राउजर में SearchGPT का इंटीग्रेशन इसे और भी शक्तिशाली बनाएगा।
  • डिवेलपर्स के साथ सहयोग : ओपनएआई ने इस प्रोजेक्ट के लिए Conde Nast, Redfin, Eventbrite, और Priceline जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ काम किया है, जो इसे व्यापक और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने में मदद करेंगे।

गूगल के लिए क्यों बड़ी चुनौती है यह कदम?
गूगल पहले से ही अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) के मुकदमे का सामना कर रहा है। यह मुकदमा गूगल पर सर्च और ब्राउजर बाजार में एकाधिकार बनाए रखने के आरोपों को लेकर है। गूगल का क्रोम ब्राउजर अमेरिकी बाजार का लगभग 50% हिस्सा नियंत्रित करता है। DoJ का सुझाव है कि गूगल को अपना क्रोम ब्राउजर बेच देना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो यह गूगल की बाजार पकड़ को कमजोर कर सकता है और ओपनएआई के नए ब्राउजर के लिए संभावनाओं का रास्ता खोल सकता है।

प्रतिस्पर्धा में ओपनएआई का बढ़त
ओपनएआई ने पिछले कुछ वर्षों में चैटजीपीटी और इसके एन्हांस्ड वर्जन GPT-4 जैसे टूल्स के जरिए बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है।
  • एआई आधारित सेवाएं : ओपनएआई का फोकस गूगल से अलग, उपयोगकर्ता-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने पर है।
  • इनोवेशन : नया ब्राउजर उपयोगकर्ताओं को तेज, व्यक्तिगत और डेटा-संचालित अनुभव देगा।
  • प्रीमियम मॉडल : ओपनएआई पहले से ही अपने प्रीमियम सर्च प्लेटफॉर्म से राजस्व कमा रहा है, और यह ब्राउजर कंपनी की सेवाओं को और मजबूत करेगा।
क्या बाजार में बदलाव ला पाएगा ओपनएआई का ब्राउजर?
पारंपरिक सर्च का अंत?
यदि AI आधारित उत्तर उपयोगकर्ताओं को तेजी से और सटीक जानकारी प्रदान करते हैं, तो यह पारंपरिक सर्च मॉडल को चुनौती देगा।
नए उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने की क्षमता : ओपनएआई का ब्राउजर उन उपयोगकर्ताओं को लुभा सकता है जो नवीनता और AI अनुभव की तलाश में हैं।
गूगल पर निर्भरता कम करना : यदि ओपनएआई का ब्राउजर सफल होता है, तो यह गूगल के सर्च इंजन और ब्राउजर दोनों पर प्रभाव डाल सकता है।

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