IPC की जगह लेगा अब BNS : बदल गए कानून के नाम, याद कर लीजिए नई धाराएं

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Jun 30, 2024 13:09

बता दें यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है, ताकि कानूनों को आज के समय के अनुसार बनाया जा सके। गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि ये कानून उपनिवेशवाद की विरासत हैं और इन्हें आज के हालात के अनुकूल बनाया जाएगा...

UPT News Desk : 1 जुलाई 2024 से तीन नए अपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। सरकार ने इसको लेकर 24 फरवरी 2024 को ही अधिसूचना जारी कर दी थी। अब 1 जुलाई से इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह नागरिक सुरक्षा संहिता, और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साझ्य अधिनियम लागू होगा।


बदलाव की क्यों जरूरत 
बता दें यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है, ताकि कानूनों को आज के समय के अनुसार बनाया जा सके। गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि ये कानून उपनिवेशवाद की विरासत हैं और इन्हें आज के हालात के अनुकूल बनाया जाएगा। बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा था, "1860 से 2023 तक अंग्रेजों के बने हुए क़ानून के आधार पर इस देश की आपराधिक न्याय प्रणाली चलती रही। इसकी जगह भारतीय आत्मा के साथ ये तीन क़ानून स्थापित होंगे और हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली के अंदर बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा।"

बड़े बदलाव
  • नाबालिग से रेप के दोषी को उम्रकैद या फांसी होगी।
  • गैंगरेप के आरोपी को 20 साल की सजा या जिंदा रहने तक जेल की सजा होगी।
  • मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी।
  • सिर पर मारने वाले पर अभी तक सामान्य झगड़े की धारा लगती थी, अब विक्टिम के ब्रेन डेड की स्थिति में दोषी को 10 साल की सजा होगी।
  • किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर उसके परिवार को जानकारी देनी होगी।
  • किसी भी केश में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस विक्टिम को देगी।
  • अगर आरोपी 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होता है तो उसकी गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा।
  • गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है।
  • ट्रायल कोर्ट को फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा।
  • मुकदमा समाप्त होने के बाद जज को 43 दिन में फैसला देना होगा।
  • फैसले के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी।
  • 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है।
  • 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
  • छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
ये हैं नई धाराएं
नए कानून के लागू होने के बाद अब उन धाराओं में बदलाव आया है जो अपराध की पहचान बन चुकी थीं। अब हत्या के लिए IPC की पूर्व में धारा 302 की जगह धारा 101 लागू होगी। ठगी के मामले में, पहले धारा 420 की बजाय अब धारा 316 लागू होगी। हत्या के प्रयास के लिए पहले धारा 307 अब धारा 109 होगी। दुष्कर्म के मामले में, धारा 376 की बजाय अब धारा 63 लागू होगी।

पहले रेप की धारा 375 और 376 थी, लेकिन नए कानून के अनुसार अब रेप के मामलों में धारा 63 और 69 लागू होगी। गैंगरेप के मामलों के लिए भी सख्त कानून बनाए गए हैं। बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए भी नए कानूनी प्रावधान शामिल किए गए हैं। मर्डर की पूर्व में धारा 302 थी, लेकिन अब इसे धारा 101 के तहत जाना जाएगा।

किस कानून में कितनी धाराएं
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता CrPC को रिप्लेस करेगी। इसमें अब 533 धाराएं रहेंगी। 160 धाराओं को बदल दिया गया है , 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 धाराओं को निरस्त किया गया है।
  • भारतीय न्याय संहिता IPC को रिप्लेस करेगी। इसमें पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 356 धाराएं होंगी। 175 धाराओं में बदलाव किया गया है, 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराओं को निरस्त किया गया है।
  • भारतीय साक्ष्य विधेयक Evidence Act को रिप्लेस करेगा। इसमें पहले की 167 के स्थान पर अब 170 धाराएं होंगी, 23 धाराओं में बदलाव किया गया है, 1 नई धारा जोड़ी गई है और 5 धाराएं निरस्त की गई हैं। 

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