भारत का पहला बीटा किड : नए जेनरेशन के पहले बच्चे ने कहां लिया जन्म, जानिये क्या रखा गया नाम

UPT | फ्रैंकी रेमरूएटदिका ज़ेडेंग

Jan 05, 2025 16:23

भारत में जेनरेशन बीटा के पहले बच्चे का जन्म 1 जनवरी 2025 को मिजोरम के आइज़ोल स्थित सिनोड अस्पताल में हुआ। यह ऐतिहासिक घटना रात 12:03 बजे घटी...

New Delhi News : भारत में जेनरेशन बीटा के पहले बच्चे का जन्म 1 जनवरी 2025 को मिजोरम के आइज़ोल स्थित सिनोड अस्पताल में हुआ। यह ऐतिहासिक घटना रात 12:03 बजे घटी। इस नवजात का नाम फ्रैंकी रेमरूएटदिका ज़ेडेंग रखा गया और उसका वजन 3.12 किलोग्राम था, जो कि पूरी तरह से स्वस्थ है। इस बच्चे का जन्म देश में एक नई पीढ़ी के युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया है। फ्रैंकी के परिवार में उसकी एक बड़ी बहन भी है और वे सभी मिजोरम के खटला ईस्ट में रहते हैं।

जनरेशन बीटा का पहला बच्चा
जानकारी के अनुसार, फ्रैंकी का जन्म मिजोरम के डर्टलैंग स्थित सिनोड अस्पताल में हुआ और वो भारत में जेनरेशन बीटा से संबंधित पहला बच्चा है। इस ऐतिहासिक घटना से यह सिद्ध होता है कि 2025 से 2039 के बीच पैदा होने वाले बच्चे एक नए युग का प्रतीक होंगे। इस समय के दौरान पैदा होने वाले सभी बच्चों को जेनरेशन बीटा का हिस्सा माना जाएगा। जेनरेशन बीटा के बारे में अवधारणा को भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल ने पेश किया है।



अस्पताल की सिस्टर ने दी जानकारी
सिनोड अस्पताल के लॉम्ना वार्ड की सिस्टर लालछुआनावमी ने जानकारी दी कि फ्रैंकी का जन्म स्वस्थ हुआ और बिना किसी जटिलता के हुआ। उसका वजन 3.12 किलोग्राम था, जो एक सामान्य और स्वस्थ नवजात के लिए आदर्श मापदंड है। अस्पताल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, फ्रैंकी का जन्म पूरी तरह से सामान्य था और उसे किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी।

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फ्रैंकी के परिवार में खुशी की लहर
फ्रैंकी के परिवार में उसकी बड़ी बहन और उसके माता-पिता रामज़िरमावी और जेडडी रेम्रुत्संगा शामिल हैं। यह बच्चा उनके परिवार का पहला जेनरेशन बीटा सदस्य है। परिवार मिजोरम के खटला ईस्ट इलाके में रहता है और इस खुशी के मौके पर रामज़िरमावी ने भारत में पहले जेनरेशन बीटा लड़के को जन्म देने पर अपनी गहरी खुशी व्यक्त की। इस ऐतिहासिक क्षण ने उनके परिवार के लिए अनमोल यादें छोड़ दी हैं।

पूरे भारत में जेनरेशन बीटा का पहला बच्चा
जेनरेशन बीटा शब्द का उपयोग भविष्य में जन्म लेने वाले बच्चों के लिए किया जाएगा, जो जेनरेशन अल्फा के बाद अगली पीढ़ी के सदस्य होंगे। इस नई पीढ़ी का जन्म विशेष रूप से तकनीकी, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। फ्रैंकी रेमरूएटदिका ज़ेडेंग न केवल मिजोरम में बल्कि भारत में जेनरेशन बीटा से संबंधित पहला बच्चा है, जो एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ है।

बीटा किड्स कहलाएगी ये जनरेशन 
2025 में जन्मे बच्चे, जिन्हें "बीटा किड्स" कहा जाएगा, उस समय में रहेंगे जब तकनीकी विकास ने हर पहलू को प्रभावित किया होगा। पहले लोग किताबों में पढ़ाई करते थे, लेकिन अब स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल उपकरणों का प्रयोग सामान्य हो चुका है। अनुमान है कि ये बच्चे एक ऐसी दुनिया में बढ़ेंगे जहां खुद चलने वाली गाड़ियां, विशेष स्वास्थ्य उपकरण और कंप्यूटर से बनी दुनिया आम हो सकती है। यह पीढ़ी पूरी तरह से डिजिटल दुनिया के साथ तालमेल बिठाएगी।

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